Noida news : उत्तर प्रदेश के हाइटेक सिटी कहे जाने वाले नोएडा के कई सीएचसी और पीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो गया है। जिसके कारण वैक्सीन लगानी बंद कर दी गई है। अब लोग वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल का रुख कर रहे हैं। लोगों की बढ़ती भीड़ के कारण जिला अस्पताल में भी केवल 2 दिन का ही एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक बचा है। नोएडा में यह हालत तब है, जब यहां बंदर और कुत्ते के काटने के आये दिन मामले सामने आते रहते हैं। वैक्सीन की सप्लाई करने वाली एक कंपनी ने वैक्सीन आपूर्ति के लिए फिलहाल रविवार तक का समय लिया है।
एक कंपनी ने बंद की वैक्सीन की सप्लाई
जानकारी के अनुसार, नोएडा जिले में सबसे अधिक एंटी रेबीज वैक्सीन का संकट सीएचसी भंगेल, सीएचसी बिसरख, सीएचसी दाड़ा और सीएचसी मामूरा पर बना हुआ है। बताया गया है कि नोएडा में दो कंपनियों द्वारा वैक्सीन की सप्लाई की जाती है। इनमें से एक कंपनी ने वैक्सीन की सप्लाई करना बंद कर दिया है। वहीं दूसरी कंपनी ने वैक्सीन की आपूर्ति कराने के लिए रविवार तक का समय लिया है। 30 सितंबर को सीएचसी द्वारा सीएमओ कार्यालय को इसकी सूचना दे दी गई थी। वहीं औषधि निगम के स्टोर से भी वैक्सीन की मांग की गई थी।
हर महीने लगती हैं लगभग 10 हजार डोज
नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम के प्रभारी के अनुसार जिले में हर महीने एंटी रेबीज वैक्सीन के लगभग 10 हजार डोज लगाई जाती हैं। इसके लिए लगभग 2500 वॉयल की जरूरत होती है। एक वॉयल से चार डोज दी जा सकती है। इसके अलावा बफर स्टॉक में लगभग 10 फीसदी रहता है। वहीं, इस मामले में जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल के अनुसार पिछले कई दिनों में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए जिला अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मरीजों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके अलावा वैक्सीन की आपूर्ति के लिए भी औषधि निगम से मांग की गई है।
लगातार सामने आ रही कुत्ते और बंदरों के काटने की घटनाएं
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कुत्ते और बंदरों के काटने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। कुत्ते और बंदरों के काटने के कारण रैबीज से बचने के लिए एंटी रेबीज की मांग बढ़ी हुई है। हाल ही में नोएडा के सेक्टर-53 स्थित एक पार्क में घूमने आए बच्चे काे कुत्ते ने काट लिया था। सेक्टर 168 की द गोल्डन पाम सोसाइटी में युवक पर तीन लावारिस कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया था। 2 दिन पहले ट्यूशन से लौट रहे एक बच्चे को भी कुत्ते ने काट कर घायल कर दिया था। इसके अलावा भी शहर के विभिन्न सेक्टरों और सोसाइटियों में कुत्तों द्वारा लोगों और बच्चों को काटने की घटनाएं सामने आती रहती है। अब ऐसे में वैक्सीन खत्म होना स्वास्थ्य व्यवस्था की असलियत दिखता है।