Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट को समस्याओं के शहर के नाम से जाना जा रहा है। यहां पर अनेक हाईराइज सोसाइटी में लाखों की संख्या में लोग रहते हैं। इसके बावजूद उन्हें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इस समय सबसे बड़ी समस्या पब्लिक ट्रांसपोर्ट (Public Transport) को लेकर है। इस बीच, मेट्रो का इंतजार कर रहे शहरवासियों को पीएमओ की तरफ से रेड सिग्नल दिखा दिया गया है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट से जोड़ने के लिए मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) को रिजेक्ट कर दिया गया है। इसके बाद वेस्ट के लोगों में रोष है।
सुविधाएं देने के नाम पर लिया वोट
महागुन मंत्रा एक सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि सोसाइटी से हजारों लोग हर दिन दिल्ली, नोएडा, गुड़गांव और फरीदाबाद के लिए आना-जाना करते हैं। पब्लिक ट्रांसफर ना होने के कारण पिछले कई सालों से उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है। सुबह शाम केवल जाम रहता है। सांसद और विधायक ने सुविधाएं देने के नाम पर केवल वोट लिए हैं। निवासियों ने सत्ता दल सरकार के खिलाफ 'नो मेट्रो नो वोट' का अभियान छेड़ दिया है। लोगों का मानना है कि अब निर्णायक समय आ गया है। जब मेट्रो की मांग को अंजाम तक ले जाया जाए।
नोटा का विकल्प
महागुन मंत्रा एक से विकास कुमार सिंह ने कहा, 'सभी सोसाइटी के निवासी एक मंच पर आकर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करें और मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दबाव बनाएं। जब तक हमारे क्षेत्र में मेट्रो परियोजना शुरू नहीं हो जाती, तब तक हमें सामूहिक रूप से वोट देने के बजाय नोटा का विकल्प चुनना चाहिए। आइए आगे बढ़ें और 'मेट्रो नहीं तो वोट नहीं' को अपने समुदाय के लिए रैली का नारा बनाएं। इस आंदोलन की सफलता के लिए एक्सटेंशन के समस्त लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है। साथ मिलकर, हम वह बदलाव ला सकते हैं, जिसके हम हकदार हैं।'