काम की खबर : नोएडा और गाजियाबाद में 2 नवंबर तक रहेगी पानी की किल्लत, दिवाली के बाद फिर शुरू होगी गंगाजल की सप्लाई

नोएडा | 2 महीना पहले | Mayank Tawer

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Noida News : नोएडा और गाजियाबाद के निवासियों को आगामी 20 दिनों तक पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। हरिद्वार से आ रही गंगा नहर को बीते रविवार से बंद कर दिया गया है। यह बंदी 2 नवंबर तक चलेगी और इस दौरान नहर में सफाई का कार्य किया जा रहा है। नहर की नियमित सफाई प्रक्रिया में सभी रेगुलेटर और मशीनों को साफ किया जाता है। जिससे पानी का प्रवाह सुचारू रूप से जारी रह सके। 

गंगाजल आपूर्ति होगी प्रभावित
गाजियाबाद के प्रताप विहार में स्थित गंगाजल प्लांट से नोएडा और गाजियाबाद को प्रतिदिन पानी की आपूर्ति की जाती है। आमतौर पर 100 क्यूसेक पानी नोएडा और 50 क्यूसेक पानी गाजियाबाद के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाता है। नहर के बंद होने के कारण गंगाजल आपूर्ति पूरी तरह से ठप रहेगी। 

गाजियाबाद के कई क्षेत्रों में ट्यूबवेल और टैंकर से आपूर्ति
गाजियाबाद में नगर निगम के 125 और विकास प्राधिकरण के 26 ट्यूबवेल हैं, जिनसे पानी की आपूर्ति की जाएगी। गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारी ने कहा कि इंदिरापुरम, वसुंधरा, सिद्धार्थ विहार और अन्य क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से भी पानी की सप्लाई की जाएगी। 

नोएडा में भी होगी पानी की कमी 
नोएडा में प्रतिदिन 400 एमएलडी पानी की आवश्यकता होती है, जिसमें से सामान्य तौर पर 240 एमएलडी गंगाजल होता है। प्राधिकरण ने बताया कि इस बंदी के दौरान लगभग 60 एमएलडी की कमी होगी, जो ट्यूबवेल और रैनी कुओं के माध्यम से पूरी करने का प्रयास किया जाएगा। शहर में यमुना किनारे स्थित 11 रैनी कुएं और 425 ट्यूबवेल हैं, हालांकि इस समय केवल सात रैनी कुएं ही चालू हैं।

पानी की कमी से चिंता
शहर के कई हिस्सों में पहले से ही पानी की कमी से जूझ रहे निवासी इस स्थिति से चिंतित हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि गंगाजल आपूर्ति बंद होने के बाद हालात और भी बिगड़ सकते हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पहले ही पानी की आपूर्ति सीमित है। 
15 जिलों में पानी की किल्लत
हरिद्वार से ऊपरी गंगा नहर की सफाई एक नियमित प्रक्रिया है, जिसमें नहर से यूपी के 15 जिलों को पानी उपलब्ध कराया जाता है। नोएडा और गाजियाबाद के स्थानीय अधिकारी पूरी क्षमता से ट्यूबवेल चलाने और टैंकरों की सहायता से पानी की आपूर्ति बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह देखने की बात होगी कि आने वाले दिनों में शहरवासी कितनी कठिनाई का सामना करते हैं।

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