Noida News : उत्तर प्रदेश में आने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। उम्मीदवार तलाश किए जा रहे हैं। मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) का टिकट हासिल करने के लिए दलबदल का दौर जारी है। ऐसे में राज्य की महत्वपूर्ण सीटों में से एक नोएडा विधानसभा सीट (Noida Assembly Seat) को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है।
भाजपा से मौजूदा विधायक पंकज सिंह मैदान में रहेंगे
भारतीय जनता पार्टी मौजूदा विधायक पंकज सिंह को मैदान में उतारेगी। पंकज सिंह भारतीय जनता पार्टी का बड़ा युवा चेहरा हैं। वह फिलहाल उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष हैं और युवा मोर्चा के प्रभारी हैं। पिछले यानि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह ने नोएडा से अच्छी जीत दर्ज की थी। वह एक बार फिर नोएडा से ही विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में उतरेंगे। नोएडा विधानसभा सीट यूपी के उन चुनिंदा इलाकों में शामिल है, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी के सुरक्षित गढ़ माना जाता है। पंकज सिंह के मुकाबले मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे को मौका देने का फैसला लिया है। दूसरी और बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेसी भी ब्राह्मण चेहरों पर ही दांव खेलेंगीं। कुल मिलाकर संभावना है कि आने वाले चुनाव में नोएडा सीट पर तीनों मुख्य विपक्षी दल ब्राह्मण उम्मीदवारों पर भरोसा करने वाले हैं।
सपा के पास कई चेहरे, आखिरी नाम का इंतजार
सपा ने इस विधानसभा चुनाव की बेहतर तैयारी करने के लिए नोएडा के सांगठनिक ढांचे में भी बड़ा बदलाव किया है। नोएडा को दो हिस्सों में बांट दिया गया है। एक हिस्से में गांवों को रखा गया है और दूसरे हिस्से में शहर के सेक्टरों को शामिल किया गया है। दोनों विंग के अलग-अलग अध्यक्ष हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान समाजवादी पार्टी को लेकर आकर्षण बढ़ा है। हाल-फिलहाल में कई ब्राह्मण नेताओं ने पार्टी ज्वाइन की है। पहले भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष एडवोकेट अतुल शर्मा, उसके बाद कांग्रेस के जगदीश शर्मा और अब रविवार को फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा ने सपा का दामन थामा है। अतुल शर्मा और योगेंद्र शर्मा, दोनों नोएडा से टिकट मांग रहे हैं। अब देखना है कि समाजवादी पार्टी किसे अपना उम्मीदवार घोषित करती है।
कांग्रेस से पंखुड़ी पाठक की मजबूत दावेदारी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस में सोशल मीडिया विंग के उपाध्यक्ष पंखुड़ी पाठक करीब एक साल से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक उनका नोएडा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना लगभग तय है। पंखुड़ी पाठक महिला और युवा होने के साथ ही ब्राह्मण हैं। लिहाजा, कांग्रेस के लिए "मल्टी आंसर इन एन ऑप्शन" कैंडिडेट हैं। पंखुड़ी को तेजतर्रार युवा नेताओं में गिना जाता है। वह दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्र राजनीति से समाजवादी पार्टी में राष्ट्रीय प्रवक्ता तक पहुंची। फिलहाल पंखुड़ी और उनके पति अनिल यादव कांग्रेस में हैं। जानकारों का मानना है कि एक और पंखुड़ी पाठक पढ़ी-लिखी महिला के तौर पर शहरी वोटरों को अपनी ओर खींचने में कामयाब होंगी तो दूसरी ओर उनके पति अनिल यादव नोएडा में अन्य पिछड़ा वर्ग और ग्रामीण मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रहे हैं। पंखुड़ी पाठक मूल रूप से उत्तराखंड की रहने वाली हैं और दिल्ली में पली-बढ़ी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह को उत्तराखंड के लोगों ने एकतरफा समर्थन किया था। दरअसल, पंकज सिंह की पत्नी और इंटरनेशनल शूटर सुषमा सिंह उत्तराखंड से हैं। वह वर्ल्ड फेम शूटर जसपाल राणा की बहन हैं।
बसपा कृपाराम शर्मा को मैदान में उतारेगी
करीब 30 वर्षों तक कांग्रेस में विभिन्न पदों पर काम करने के बाद उपेक्षा झेल रहे कृपाराम शर्मा ने भी पिछले सप्ताह बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम लिया है। शनिवार को उन्होंने बसपा में शामिल होकर नोएडा से चुनाव लड़ने की दावेदारी पेश की है। मिली जानकारी के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय कर चुका है कि कृपाराम शर्मा को नोएडा से चुनाव लड़ाया जाएगा। इसके लिए उन्होंने जोर-शोर से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। कृपाराम शर्मा का दावा है कि कांग्रेस का पुराना कार्यकर्ता और मतदाता उन्हें समर्थन करेगा। कांग्रेस से लगातार कई बार टिकट मांगने के बावजूद जब सुनवाई नहीं हुई तो यह फैसला लेना पड़ा है। कृपाराम शर्मा मूलरूप से नोएडा शहर में चौड़ा रघुनाथपुर गांव के रहने वाले हैं। वह स्थानीय ब्राह्मण समाज को अपनी ओर खींचने का भरसक प्रयास करेंगे। फिलहाल, शहर के सेक्टर-56 में रहते हैं। लम्बे अरसे से सामाजिक जीवन में हैं। लिहाजा, शहरी मतदाता की पसंद बन सकते हैं।
कुल मिलाकर साफ है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में नोएडा सीट पर मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। हालांकि, नोएडा सीट के बारे में अच्छी राजनीतिक जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है, जब तीन ब्राह्मण उम्मीदवार मैदान में होंगे तो यह लड़ाई पंकज सिंह के लिए बेहद आसान बन जाएगी। ऐसी परिस्थितियों में खुद ब्राह्मण समाज के वोटर कन्फ्यूजन में रहेंगे। तीन-तीन ब्राह्मण प्रत्याशी मैदान में होंगे तो जीत की गारंटी नहीं होगी। लिहाजा, बड़ी संख्या में कोई एक उम्मीदवार ब्राह्मण वोटरों को भाजपा से तोड़ पाएगा ऐसा मुश्किल लगता है। वैसे भी फिलहाल ब्राह्मण समाज पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी के साथ लामबंद है।