बड़ी खबर : हरियाणा पुलिस के लिए केंद्रीय मंत्री से ऊपर हुआ सुपरटेक बिल्डर, एनआरआई ने सुनाई दर्दभरी कहानी

नोएडा | 9 महीना पहले | Mayank Tawer

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Noida News : हरियाणा पुलिस के लिए सुपरटेक बिल्डर केंद्रीय मंत्री से भी ऊपर हो गया है। इस बात का अंदाजा आप गगन दीवान की आपबीती सुनकर लगा सकते हो। उन्होंने बताया कि किस तरीके से वह तमाम समस्याओं से जूझ रहे हैं। पीड़ित ने सुपरटेक ग्रुप के एक प्रोजेक्ट में फ्लैट खरीदने के लिए करीब 35 लाख रुपए दिए हैं। उसके बावजूद भी पीड़ित को उसके फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला। जब उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की तो पुलिस ने एक्शन लेने से साफ मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय मंत्री के माध्यम से हरियाणा पुलिस को चिट्ठी भिजवाई। अब बड़ी बात है कि उसके बावजूद भी हरियाणा पुलिस एक्शन नहीं ले रही है। पीड़ित ने हरियाणा पुलिस का सुपरटेक ग्रुप से साठगांठ करने का आरोप लगाया है।

वर्ष 2012 में बुक किया था फ्लैट
अभिषेक दीवान ने 'ट्राईसिटी टुडे' टीम से खास बातचीत की। उन्होंने बताया, "वर्ष 2012 में सुपरटेक लिमिटेड के अपकाउंट्री प्रोजेक्ट में मैंने एक फ्लैट बुक किया था। मैंने बुकिंग के समय 3.5 लाख रुपये दे दिए थे। उसके बाद वर्ष 2012 से 2015 तक मैंने सुपरटेक बिल्डर को 35 लाख 71 हजार 515 रुपये का भुगतान किया।" 

सुपरटेक की तरफ से मिली धमकी
"एग्रीमेंट के मुताबिक बिल्डर ने हमसे कहा था कि वर्ष 2016 में फ्लैट पर कब्जा मिल जाएगा। हमने काफी इंतजार किया, लेकिन वर्ष 2019 तक हमें फ्लैट पर कब्जा नहीं मिला। उसके बाद हमने बिल्डर से वापस पैसा मांगा तो दो चेक दे दिए गए, लेकिन वह 30 मार्च 2020 को बाउंस हो गए। उसके बाद हमने करनाल के एसपी से 20 फरवरी 2023 को शिकायत दी। जिसमें सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए अपील की गई थी, लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इस मामले के बाद सुपरटेक की तरफ से हमको धमकी मिलने लगी।" 

श्रीपाद नायक ने किया हस्तक्षेप, फिर भी एक्शन नहीं
हमने पूरे मामले की जानकारी (केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी, जल मार्ग और पर्यटन राज्य मंत्री) श्रीपाद नायक को दी। श्रीपाद नायक ने इस मामले में हरियाणा के एसपी को चिट्ठी भेजने के निर्देश दिए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से अंडर सेक्रेटरी मृत्युंजय त्रिपाठी ने हरियाणा के गृह सचिव को एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा गया था। उसके बावजूद भी अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।

"हम बेसहारा हो गए"
पीड़ित ने आगे बताया, "मैं वैसे तो हरियाणा का रहने वाला हूं, लेकिन इस समय परिवार के साथ कनाड़ा में रहता हूं। मैंने अपने माता-पिता के लिए नोएडा के सुपरटेक अपकंट्री में फ्लैट बुक किया था, लेकिन मेरे साथ मेरे माता-पिता का सपना भी चकनाचूर हो गया है। बिल्डर ने लाखों रुपये ले लिए और हमें धोखा दे दिया। 35 लाख रुपये की कमाई आसानी से नहीं की जाती। इतने पैसे कमाने में काफी सालों का समय लगता है। मैंने अपने जीवन की कड़ी मेहनत करके यह पैसा हासिल किया और इसको सुपरटेक बिल्डर ने हड़प लिया है। अब बड़ी बात यह है कि पुलिस भी हमारा साथ नहीं दे रही है, ऐसे में हम बेसहारा से हो गए हैं।"

आरके अरोड़ा का वर्चस्व कायम
आपको बता दें कि सुपरटेक ग्रुप के चेयरमैन आरके अरोड़ा इस समय जेल में बंद है। परिवर्तन निदेशालय ने सुपरटेक लिमिटेड के संचालक को धोखाधड़ी और अपराध के दूसरे मामले में गिरफ्तार कर लिया था। सुपरटेक बिल्डर की वैसे तो परेशानी बढ़ती जा रही है, लेकिन उसके बावजूद भी उसका वर्चस्व कायम है। सुपरटेक बिल्डर चाहे जेल में बंद हो, लेकिन उसके बावजूद भी मुकदमा दर्ज होने में पीड़ितों को पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। दूसरी तरफ दिल्ली हाईकोर्ट से कुछ दिनों पहले सुपरटेक बिल्डर आरके अरोड़ा को बड़ा झटका मिला। दिल्ली हाईकोर्ट ने आरके अरोड़ा की डिफॉल्ट जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

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