Noida News : उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को बुलंदशहर और दादरी के लगभग 80 गांवों की भूमि पर बनने वाले नए नोएडा के मास्टर प्लान 2041 को अंतिम मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। हालांकि, यह अभी तय नहीं है कि अधिग्रहण किस प्रक्रिया के तहत किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण के बाद लेआउट प्लान तैयार किया जाएगा। यह शहर के विकास की दिशा निर्धारित करेगा।
नए शहर को DNGIR नाम से जाना जाएगा
नए नोएडा को आधिकारिक रूप से "दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इंवेस्टमेंट रीजन" (डीएनजीआईआर) नाम दिया गया है। नोएडा प्राधिकरण ने इस वर्ष जनवरी में इस मास्टर प्लान को शासन के पास मंजूरी के लिए भेजा था। हाल ही में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने इस परियोजना का प्रस्तुतीकरण भी देखा था। इसमें करीब 19 आपत्तियां सामने आई थीं, जिनका सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया। अब नया नोएडा 209.11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र (20,911.29 हेक्टेयर) भूमि पर बसाया जाएगा। जिसमें 80 गांवों की जमीन अधिग्रहीत की जाएगी। इस क्षेत्र को पहले ही अधिसूचित कर दिया गया है।
चार चरणों में होगा विकास
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि मास्टर प्लान को 12 जनवरी को मंजूरी के लिए भेजा गया था। अब इसे हरी झंडी मिल गई है। यह परियोजना चार चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में 2027 तक 3,165 हेक्टेयर जमीन पर विकास कार्य किए जाएंगे। दूसरे चरण में 2027 से 2032 के बीच 3,798 हेक्टेयर भूमि विकसित की जाएगी। इस मास्टर प्लान के तहत 40 प्रतिशत भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए 13 प्रतिशत आवासीय और 18 प्रतिशत ग्रीन एरिया के साथ मनोरंजन गतिविधियों के लिए आरक्षित की गई है।
छह लाख होगी आबादी
डीएनजीआईआर मास्टर प्लान के तहत इस नए शहर में करीब छह लाख की आबादी बसाई जाएगी। इस क्षेत्र में गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 60 गांवों को शामिल किया गया है। योजना के अनुसार इस शहर को आधुनिक और टिकाऊ आधारभूत संरचना के साथ विकसित किया जाएगा। जिससे औद्योगिक और आवासीय दोनों क्षेत्रों में संतुलन बनाया जा सके।
जमीन अधिग्रहण की प्रक्रियाएं होंगी बहुपक्षीय
जमीन अधिग्रहण के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। नोएडा में पहले अधिकांश जमीन धारा-4 और 6 के तहत जिला प्रशासन द्वारा अधिग्रहित की गई थी। कुछ मामलों में किसानों से आपसी सहमति से भूमि ली गई थी। अब विचार हो रहा है कि गुरुग्राम मॉडल की तरह सीधे डेवलपर्स को जमीन अधिग्रहण का जिम्मा सौंपकर लाइसेंस जारी किया जाए। जिसमें बाहरी विकास प्राधिकरण द्वारा और आंतरिक विकास डेवलपर्स द्वारा किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की अंतिम प्रक्रिया के लिए जल्द ही शासन स्तर से दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।
प्राधिकरण की तैयारियां
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ.लोकेश एम ने बताया कि मास्टर प्लान की मंजूरी के साथ ही इसे बोर्ड बैठक में पेश किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण और विकास कार्यों के लिए प्राधिकरण को अतिरिक्त अधिकारियों और कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी, जिसके लिए शासन से मंजूरी ली जाएगी। इसके अलावा नए नोएडा क्षेत्र में एक नया कार्यालय स्थापित करने की भी योजना है। जिससे वहां की गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।