खास खबर : गंगा एक्सप्रेसवे के कारण मेरठ के 1103 किसानों की हुई बल्ले-बल्ले, रातोंरात ऐसे बने करोड़पति

Google Photo | Ganga Expressway (Project Photo)



Meerut News : जब कोई भी परियोजना आती है तो किसानों और निबंधन विभाग का सबसे अधिक फायदा होता है। गंगा एक्सप्रेसवे एक ऐसा ही प्रोजेक्ट है, जिससे अभी तक 1,103 किसान करोड़पति बन गए हैं। इतना ही नहीं किसानों के अलावा निबंधन विभाग भी मालामाल हो गया है। अभी तक सरकार द्वारा निबंधन शुल्क और स्टांप के रूप में 30 करोड़ रुपए से भी अधिक भुगतान किया जा चुका है।

1,103 किसानों की हुई बल्ले-बल्ले
गंगा एक्सप्रेसवे की लम्बाई 594 किमी है। जिसका शिलान्यास पीएम मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को कर दिया था। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से प्रयागराज तक 12 जिलों से होकर गुजरेगा। गंगा एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए मेरठ जनपद में 9 गांवों के किसानों से कुल 181.3092 हेक्टेयर भूमि की खरीद की जानी थी, जिसमें से अक्टूबर 2021 तक 156.3096 हेक्टेयर भूमि की खरीद सीधे किसानों से की जा चुकी थी। बची भूमि 24.9996 हेक्टेयर का विवाद और विरोध हो रहा है। जिसका निपटारा सरकार कर रही है। मेरठ के 9 गांवों में अभी तक 1,103 किसानों से जमीन खरीदी गई है। जिनको 461.70 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।

अभी तक यह महत्वपूर्ण कार्य हो चुके
गंगा एक्सप्रेसवे को बनाने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि यह एक्सप्रेसवे कुल 594 किलोमीटर लंबा होगा। जो कुल 12 जनपदों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे से मेरठ के 9 गांव प्रभावित होंगे। इस गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 195.3512 हेक्टेयर जमीन पर किया जा रहा है। जिसमें से सरकार ने 181.3092 हेक्टेयर जमीन किसानों से खरीद ली है और 14.2400 हेक्टेयर पुनर्ग्रहण की जाने वाली सरकारी भूमि है। उन्होंने बताया कि अभी तक इस एक्सप्रेसवे पर स्टांप और निबंधन शुल्क भुगतान के रूप में  30.42 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं।

पीएमओ का दावा
पीएमओ की ओर से दावा किया जा रहा है कि एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास, व्यापार, कृषि, पर्यटन आदि क्षेत्रों को बढ़ावा मिलेगा। इससे क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहन मिलेगा। पूरी तरह से निर्मित होने के बाद, यह राज्य के पश्चिमी और पूर्वी क्षेत्रों को जोड़ने वाला, उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन जाएगा।

इन जनपदों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से होकर जाएगा। एक्सप्रेसवे जिन जगहों से होकर गुजरेगा, वहां के औद्योगिक और धार्मिक पड़ावों को भी आपस में कनेक्ट करेगा। इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा, जिसके साथ दिल्ली से प्रयागराज तक की दूरी भी कम होगी।

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