BIG BREAKING : रवि काना गैंग को तगड़ा झटका, गैंगरेप केस में हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

Tricity Today | रवि काना



Prayagraj/Noida : स्क्रैप माफिया और सरिया चोर रवि काना को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तगड़ा झटका दिया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने नोएडा सामूहिक बलात्कार मामले में आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय ने पिछले साल नोएडा से सामने आए चौंकाने वाले सामूहिक बलात्कार मामले के आरोपियों में से एक राजकुमार को जमानत देने से इनकार कर दिया है। 13 मई, 2024 को पारित एक विस्तृत आदेश में न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने गौतम बौद्ध नगर में विशेष एससी/एसटी न्यायालय द्वारा जमानत से इनकार को चुनौती देने वाली राजकुमार की अपील को खारिज कर दिया।

क्या है पूरा मामला
मामला 19 जून, 2023 का है, जब राजकुमार ने कथित तौर पर एक महिला को रोजगार दिलाने के बहाने नोएडा के बरौला इलाके में फुसलाया। उनका सहयोगी मेहमी भी मौजूद था। फिर ये लोग पीड़िता को गार्डन गैलेरिया ले गए। जहां तीन अन्य आरोपी रवि, आज़ाद और विकास ने युवती के साथ गैंगरेप किया। एफआईआर के मुताबिक, रवि ने कार के अंदर महिला से बलात्कार किया, जबकि अन्य आरोपी राइफल लेकर बाहर खड़े थे। आरोपियों ने इस घिनौने कृत्य की वीडियोग्राफी भी की और वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर पीड़ित को धमकी दी। युवती इतनी दहशत में थी कि अपराध होने के लगभग छह महीने बाद 30 दिसंबर, 2023 को एफआईआर दर्ज करवाई।

न्यायालय ने की कड़ी टिप्पणियां
अदालत से बचाव पक्ष ने कहा कि हालांकि राजकुमार ने सीधे तौर पर बलात्कार नहीं किया था, लेकिन उसने पीड़िता को झूठे रोजगार के वादे के जरिए लुभाने में अहम भूमिका निभाई थी। न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पीड़िता के बयान में विशेष रूप से राजकुमार को बलात्कारियों में से एक के रूप में नामित किया गया था। अदालत ने राजकुमार की इस दलील को खारिज कर दिया कि पूरा मामला मनगढ़ंत है, क्योंकि मुख्य आरोपी रवि अपराध की तारीख पर अपनी पत्नी के साथ वाराणसी में हवाई यात्रा कर रहा था। इसमें कहा गया कि पीड़िता द्वारा राजकुमार को झूठा फंसाने की कोई संभावना नहीं है। देरी से एफआईआर दर्ज करने के मुद्दे पर अदालत ने कहा कि यौन अपराध के मामलों में इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है और पीड़िता ने जांच अधिकारी को इसका कारण बताया था।

अदालत ने जमानत नहीं देने की वजह बताई
जमानत देने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा, "एक बलात्कारी न केवल व्यक्तिगत अखंडता का उल्लंघन करता है बल्कि असहाय महिला की आत्मा पर अमिट निशान छोड़ देता है।" अदालत में कहा कि राजकुमार अपने खिलाफ आरोपों और सबूतों की गंभीर प्रकृति को देखते हुए जमानत के लिए पर्याप्त आधार बनाने में विफल रहा है। अदालत ने राजकुमार के मामले को उसके सह-अभियुक्त आज़ाद से अलग कर दिया, उसे पहले जमानत दी गई थी। अदालत ने कहा कि उसकी भूमिका अलग थीं, क्योंकि उस पर बलात्कार करने का आरोप नहीं था।

न्याय प्रणाली में भरोसा बढ़ेगा
यह आदेश न्याय प्रणाली में विश्वास पैदा करने के लिए महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों में कड़ी सजा की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। शहर के लोगों ने कोर्ट के सख्त रुख का स्वागत किया है, जिसे महिला सुरक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। आपको बता दें कि रवि काना और उसका गैंग गौतमबुद्ध नगर में अंडरवर्ल्ड की तरह काम कर रहा था। रवि काना और उसकी गर्लफ़्रेंड काजल झा को पिछले महीने गौतमबुद्ध नगर पुलिस थाईलैण्ड से वापस लेकर आई थी। रवि अभी ज़िला जेल में बंद है। उसके और उसके 16 साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई चल रही है।

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