जयंत बने बड़े चौधरी : जाटलैंड छपरौली में भव्य उत्तराधिकार समारोह हुआ, वेस्ट यूपी समेत कई राज्यों से पहुंचे लोग, सारे खाप चौधरियों ने बांधी पगड़ी

Tricity Today | सारे खाप चौधरियों ने बांधी पगड़ी



Baghpat News : उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) से पहले आज राष्ट्रीय लोकदल (Rashtriya Lok Dal) ने बागपत में रविवार को बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। छपरौली में पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरएलडी चीफ चौधरी अजित सिंह की याद में एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस मौके पर रस्म पगड़ी कार्यक्रम भी हुआ। जिसमें चौधरी अजित सिंह की राजनीतिक विरासत जयंत चौधरी को सौंपने की औपचारिकता पूरी की गई है। इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के मंत्री डॉ.सुभाष गर्ग, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे सोमपाल शास्त्री और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत जैसे बड़े नेता शामिल है। इस दौरान हवन पूजन के बाद अजीत सिंह के पुत्र जयंत चौधरी के सिर पर पगड़ी बांधी गई।



खापों के चौधरियों ने जयंत को बंधी पगड़ी
वेस्ट यूपी में रस्म पगड़ी बड़े मायने रखती है। दरअसल, यह पिता की मृत्यु होने पर उसके योग्य पुत्र को उत्तराधिकार सौंपने की प्रक्रिया होती है। समाज के प्रतिष्ठित लोग यह प्रक्रिया पूरी करते हैं। जयंत को पगड़ी बांधने के लिए सभी खाप के प्रमुख मौजूद रहे। सबने मिलकर उन्हें पगड़ी बांधी है। मतलब, अब जयंत चौधरी बड़े चौधरी कहलाएंगे। इस दौरान यूपी के अलावा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से आए लोगों से छपरौली का पूरा मैदान भर गया। ख़ास बात यह है कि आयोजन में केवल जाट समाज को नहीं बल्कि 36 बिरादरी को बुलाया गया था। रस्म पगड़ी के बाद भोजन प्रसाद की व्यवस्था के लिए अलग-अलग स्थानों पर 70 हलवाई और कारीगर तैयारियों में लगाए गए थे। जयंत चौधरी को बालियान खाप के चौधरी नरेश टिकैत, चौबीसी खाप के चौधरी सुभाष सिंह सहित दर्जनों खाप चौधरियो ने पगड़ी बंधी हैं।



चौधरी खानदान की तीसरी पीढ़ी का सफर शुरू
चौधरी खानदान की यह तीसरी पीढ़ी है। बेहद सामान्य परिवार से खड़े होकर चौधरी चरण सिंह पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और फिर देश के प्रधानमंत्री बने थे। वह देश में किसानों के सर्वमान्य नेता थे। चौधरी चरण सिंह के बाद अजित सिंह और तीसरी पीढ़ी में जयंत चौधरी रालोद की विरासत संभाल रहे हैं। बागपत लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहे अजित सिंह का 6 मई 2021 को कोरोना संक्रमण के कारण गुरुग्राम के अस्पताल में निधन हो गया था। उस समय कोरोना के चलते अजित सिंह की श्रद्धांजलि सभा नहीं हो सकी थी।



कार्यक्रम में सभी खाप के मुखिया शामिल हुए
छपरौली के ऐतिहासिक विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के मैदान में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। रविवार की सुबह 10 बजे से वैदिक परंपरा से हवन पूजन शुरू हुआ। आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह और उनका परिवार आर्य समाज के बड़े समर्थक और अनुयायी रहे हैं। जयंत के उत्तराधिकार समारोह में बागपत के अलावा वेस्ट यूपी के मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, मुरादाबाद, अमरोहा, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, हाथरस और रामपुर जिलों से रालोद समर्थक पहुंचे थे। हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब, दिल्ली और राजस्थान से भी बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। कुल मिलाकर साफ़ है कि अब जयंत चौधरी अपने बाबा चौधरी चरण सिंह और पिता चौधरी अजित सिंह की विरासत सम्भालेंगे।



किसान यूनियन के नरेश टिकैत शमिल हुए
राष्ट्रीय लोकदल और भारतीय किसान यूनियन के एजेंडे एक होने के बावजूद रस्ते अलग-अलग ही रहे हैं। चौधरी अजित सिंह और भाकियू संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की राजनीतिक दोस्ती भी ज्यादा दिन नहीं चल पाई थी। अब पिछले एक अरसे से दोनों संगठन एकसाथ हैं। रविवार को किसान यूनियन के नरेश टिकैत इस कार्यक्रम में शमिल हुए। वह पूरे वक्त खासे सक्रिय नजर आए। वह एक तरह से जयंत चौधरी के लिए अभिभावक की भूमिका में नजर आए। दूसरी ओर कार्यक्रम से भारतीय जनता पार्टी के जाट नेताओं ने पूरी तरह दूरी बनाकर रखी।

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