Agra/Ghaziabad News : पावर से फैशन तक पहुंचने वाली गाजियाबाद की अपर जिलाधिकारी ऋतु सुहास ने एक बार फिर अपना जलवा बिखेरा है। उत्तर प्रदेश के आगरा में ताज महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें गाजियाबाद की एडीएम ऋतु सुहास ने वर्ल्ड डिजाइनिंग फोरम के सांस्कृतिक फैशन शो में शोस्टॉपर के रूप में रैम्प किया है। ऋतु सुहास ने आगरा में अपना जलवा बिखेरा है। उनके स्टाइल और अदाओं को देखकर लोग ताली बजाने के लिए मजबूर हो गए। आपको बता दें कि ऋतु सुहास उत्तर प्रदेश प्रशासनिक सेवा में गाजियाबाद की अपर जिला अधिकारी पद पर तैनात हैं।
खादी के लिए शुरू की थी मॉडलिंग
वह एक प्रशासनिक अधिकारी के साथ स्थापित फैशन प्रोमोटर बन चुकी हैं। फैशन इंडस्ट्री में उनकी पहचान किसी मशहूर मॉडल से कमतर से नहीं है। हालांकि, वह उत्तर प्रदेश सरकार के खादी ग्रामोद्योग विभाग के प्रचार-प्रसार के लिए रैंप पर उतरती हैं। खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए उन्होंने मॉडलिंग शुरू की थी। उनसे खादी को युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने में खासी मदद मिली है। गाजियाबाद, लखनऊ और गौतमबुद्ध नगर में ऋतु सुहास को उनके जानने वाले 'ब्यूटी विद ब्रेन' उपनाम से पुकारते हैं। मिसेज इंडिया-2019 रह चुकी पीसीएस अफसर ऋतु सुहास
ऋतु सुहास 2004 बैच की पीसीएस अफसर है। अफसर होते हुए मिसेज इंडिया-2019 का खिताब जीतने वाली ऋतु सुहास प्रतियोगी स्टूडेंट के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं, क्योंकि कभी उनके पास कोचिंग और अखबार के महीने पूरे होने पर पैसे नहीं जुट पाते थे। उन्होंने अपनी एक सहेली के नोट्स के माध्यम से सेल्फ स्टडी कर अपना मुकाम हासिल किया है। छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर की थी शुरुआत
ऋतु सुहास ने बताया कि घर में फाइनेंसियल प्रॉब्लम काफी ज्यादा थी, कोचिंग की फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। एक इंग्लिश न्यूज पेपर डेली पढ़ती थी, लेकिन महीने में पैसे देने के लिए नहीं जुट पाते थे। इसलिए छोटे-छोटे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। ऋतु सुहास ने 2003 में पीसीएस की तैयारी करने का डिसीजन किया था। रिश्तेदार घर से बाहर निकलकर पढ़ाई करने से खुश नहीं थे। लेकिन, पैरेंट्स ने मेरा पूरा सपोर्ट किया। मां एक-एक पैसे जोड़ा करती थी। ताकि हम भाई बहन की छोटी-छोटी जरुरतें पूरी हो सकें। पति सुहास एलवाई भी कम नहीं
सुहास एलवाई भी कम नहीं हैं। वह एक आईएएस होने के अलावा ओलम्पियन भी हैं। सुहास लालिनकेरे यतिराज पेशेवर पैरा-बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पूर्व में प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत थे। मार्च 2018 में वाराणसी में आयोजित दूसरी राष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष एकल वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने के बाद वह राष्ट्रीय चैंपियन बने थे। मूल रूप से हासन कर्नाटक के निवासी हैं, लेकिन बेहतरीन हिंदी बोलते हैं। यूपी में महराजगंज, हाथरस, सोनभद्र, जौनपुर, आजमगढ़ और इलाहाबाद के डीएम रह चुके हैं। एक दिन पहले (27 फरवरी 2023) को उनका प्रमोशन हुआ और शासन ने उनका खेलकूद विभाग का सचिव बना दिया है।