गोरखपुर यूनिवर्सिटी में राज्यपाल ने शोध छात्रों को दी उपाधि : कहा- भावी योजनाओं का संकल्प होता है दीक्षांत समारोह

Tricity Today | राज्यपाल आनंदीबेन पटेल



Gorakhpur News : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्मिलित हुईं। उन्होंने जल संरक्षण का संदेश देने हेतु कलश में जल भरकर दीक्षांत समारोह की शुरुआत की। इससे पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलाधिपति वाटिका में वृक्षारोपण किया तथा विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मंच से ही कुलाधिपति ने विश्वविद्यालय में अत्याधुनिक फिटनेस सेंटर का लोकार्पण तथा विश्वविद्यालय का न्यूज लेटर व वनस्पति विज्ञान तथा रसायन विज्ञान पर आधारित दो पुस्तकों का विमोचन किया। उनके द्वारा बेसिक शिक्षा के कुछ छात्रों व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी पुरस्कृत किया गया। उन्होंने विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में स्नातक के 11 मेधावियों को 32 स्वर्ण पदक और 25 शोध छात्रों को उपाधि प्रदान किया।

विश्वविद्यालय ने बनाई अपनी पहचान
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह परम्परा के स्मरण और प्रगति के विवरण के साथ भावी योजनाओं का संकल्प होता है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी अपनी सांकृतिक विरासत और देश व समाज में अपनी भूमिका से परिचित होते हैं। इस संस्थान ने नेक मूल्यांकन में 3.78 सीजीपीए के साथ ए डबल प्लस प्राप्त करके प्रदेश का नाम रोशन किया है। इस सफलता के लिए संस्थान सभी इस सफलता के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति व सभी शिक्षकों, छात्रों को हार्दिक बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मूल्यांकन से यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर अपना एक विशेष पहचान बना लिया है। उन्होंने कहा कि इस रैंक को बनाये रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि इस ग्रेड के मिलने के बाद हमें रूकना नहीं है बल्कि प्रतिवर्ष होने वाली एनआईआरएफ तथा क्यूएस रैकिंग में भी उच्च स्थान रखने का प्रयास करना है। इस विश्वविद्यालय तथा प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों के एनआईआरएफ में उच्च रैंक के लिए कार्य किया जा रहा है। 

हर जगह महिलाओं का बोलबाला
राज्यपाल ने कहा कि आज सबसे ज्यादा स्वर्ण पदक लड़कियों को मिला है, जो यह दर्शाता है कि नारी सशक्तिकरण बहुत आगे निकल चुका है। आज हर जगह महिलाओं का बोलबाला है। यह सब उनकी कड़ी मेहनत का परिणाम है। विश्वविद्यालय के पुरातन छात्रों का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा प्रक्षेपित लांच सूर्ययान आदित्य एल-1 के निर्माण में इस संस्थान के दुर्गेश त्रिपाठी का प्रमुख योगदान है। यह इस संस्थान के लिए गौरव की बात है, और ऐसे ही अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए हमें आगे भी कार्य करते रहना है। उन्होंने कहा कि मेरा माटी मेरा देश अभियान के तहत देशभर में निकाली जा रही अमृत कलश यात्राओं में देश के शहीदों की याद करने के लिए इस विश्वविद्यालय का भी योगदान जरूरी है। शिक्षा की सार्थकता हमेशा कुछ न कुछ नया करने में निहित है।

दुनिया ने देखी भारत की बदलती तस्वीर
आनंदी बेन पटेल ने कहा कि विगत दिनों भारत की अध्यक्षता में सम्पन्न जी-20 सम्मेलन में दुनिया ने भारत की बदलती तस्वीर देखी। विश्व का भारत के प्रति नजरिया बदला है। इसने एक सक्षम विकसित भारत की नींव डाली है। युवा शक्ति का देश निर्माण में योगदान प्रमुख रूप से रहा है। इस युवा शक्ति में बेटियों का भी अब योगदान बढ़ रहा है। आजादी से लेकर अब तक बेटियों का योगदान देश के निर्माण में जारी है। चन्द्रयान के प्रक्षेपण में नारी शक्ति को सभी ने देखा है। उन्होंने कहा कि अगर नारियां विकसित होंगी तो उस देश को विकसित होने में कोई बाधा नहीं होगी। 

विश्वविद्यालय ने स्थापित किए कई कीर्तिमान
उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कोर्स एवं प्रोग्राम का संचालन कर के कीर्तिमान स्थापित किया है। शिक्षा के परम्परागत माध्यम व देशज पहचान से जुड़ी इस विश्वविद्यालय की शिक्षा विशिष्ट है। पं. दीनदयाल उपाध्याय, जिनके नाम पर यह विश्वविद्यालय है, का भारतीय राजनीति, राष्ट्र निर्माण एवं देश के जागरण में योगदान को यहा के छात्रों को परिचित कराकर राष्ट्रीय चेतना का विकास करना होगा। नाथ पंथ के केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध इस शहर में नाथ पंथ के अध्ययन से यहां के विधार्थी भारत के सांस्कृतिक व आध्यात्मिक परम्परा को जान सकेंगे। विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, अमृत महोत्सव आदि में भी महत्वूपर्ण भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय अपने छात्रों को ही नही बल्कि पूरे प्रदेश को शिक्षा के द्वारा ज्ञान प्रदान कर रहा है। यह पूर्वान्चल में आधुनिक शिक्षा एवं शोध को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

अपनी विशेषता को लेकर आगे बढ़ें
समारोह को संबोधित करते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि शिक्षकों ने आपको जिस विषय में निपुण किया है, उसको अपने समाज व राष्ट्र के विकास में लगाएं एवं यह वचन लें, कि वे सभी राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का हर्षोल्लास के साथ निर्वहन करेंगे। जीवन में अपना एक विजन, एक लक्ष्य बनाएं और नकारात्मक विचारों को कोई भी स्थान न दे। अपनी योग्यता दूसरो की योग्यता से न आंकें बल्कि आप में जो विशेषता है, उसको लेकर अपने जीवन में आगे बढ़ें।

वीसी ने दिया धन्यवाद
इस अवसर पर कुलपति पूनम टंडन ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय की तरफ से धन्यवाद दिया और स्मृति चिह्न भेंट किया। अपने संबोधन में उन्होंने छात्रों को भी बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र छात्राएं एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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