Mathura : भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को हुआ था। इसी दिन पूरी दुनिया में उनका जन्मदिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। कान्हा की नगरी मथुरा पिछले कई दिनों से अपने आराध्य के जन्मोत्सव की तैयारियों में डूबी हुई थी। गुरुवार की सुबह से ही हर ओर लाला के जन्म का हल्ला मच हुआ है। दूर-दूर से श्रद्धालु लाला के जन्म का साक्षी बनने के लिए पहुंचने लगे हैं।
पर्यटन मंत्री ने किया शोभायात्रा का शुभारंभ
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मथुरा में सुबह से ही शोभायात्रा के साथ उत्सव शुरू हो गया। विभिन्न प्रदेशों के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दे रहे हैं। सुबह दस बजे पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने जन्मस्थान से पूजा-अर्चना कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया। ढोल-नगाड़े, डमरू के बीच मंडलियों ने कीर्तन किया। शंख ध्वनि के बीच शोत्रायात्रा नगर भ्रमण को निकली, तो पूरा वातावरण भक्ति के रंग में रंग गया। भजन कीर्तन शुरू हो गए। हजारों की संख्या में भक्त सुबह ही जन्मस्थान पर दर्शन को पहुंचने लगे हैं।
रोशनी से जगमग हैं कान्हां के 25 मंदिर
श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर सुबह से पूजन शुरू हो गया। मंगला आरती से पहले युगल सरकार को पोशाक धारण कराई गई। राधा दामोदर मंदिर में 251 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया। वृंदावन के शाह जी मंदिर में 101 किलो पंचामृत से अभिषेक किया गया। वृंदावन के राधा रमण मंदिर में भगवान कृष्ण का सवा मन यानी 50 किलो दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से अभिषेक किया गया। प्रेम मंदिर, बांके बिहारी, रंगनाथ, द्वारकाधीश, राधा रमण, इस्कॉन समेत 25 मंदिर रोशनी से जगमगा रहे हैं। जन्मभूमि स्थित गर्भगृह में कारागार की तरह सजावट की गई है। जन्माष्टमी पर 25 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के मथुरा आने की संभावना है।