Uttar Pradesh : आंदोलन समाप्त करने पर राकेश टिकैत नहीं है राजी, संसद में कानून वापसी तक करेंगे इंतजार

Google Image | Rakesh Tikait



Uttar Pradesh : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत शुक्रवार को कहा कि वह अभी तत्काल किसान आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। वो और उनका संगठन संसद में विवादास्पद कानून की वापसी तक इंतजार करेगा, जैसा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की है। 

इसके साथ ही राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि एमएसपी समेत अन्य मुद्दों कृषि मुद्दों पर भी केंद्र सरकार को विचार करना चाहिए। 

संयुक्त किसान मोर्चा ने किया प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत

इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा जोकि 40 किसान संगठनों का एक दल है , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा का स्वागत किया। साथ ही यह भी कहा कि एसकेएम सभी घटनाक्रमों पर ध्यान देगा और जल्द ही अपनी बैठक करेगा और आगे के निर्णयों की घोषणा करेगा।

केंद्र सरकार के कृषि कानून लागू करने के बाद से ही लगातार किसानों का एक बड़ा वर्ग विरोध प्रदर्शन कर रहा था। प्रदर्शन कई बार हिंसक भी हो गया था और इस दौरान किसानों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी। 26 जनवरी को किसानों द्वारा दिल्ली में किए गए ट्रैक्टर मार्च और फिर लाल किले उत्पन्न हुई अराजकता , जिसका फायदा उठाकर कई असामाजिक तत्वों ने पुलिस वालों के साथ बुरी तरीके से मारपीट की थी और उन्हें घायल कर दिया था। जिसके  बाद कई किसानों को गिरफ्तार भी किया गया था और देश-विदेश में इस खबर की चर्चा हुई थी। 

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता मला ने कहा कि निश्चित तौर पर यह हमारे लिए एक ऐतिहासिक जीत है पर यह हमारे आंदोलन का सिर्फ आधा हिस्सा है। सरकार की तरफ से एमएसपी की गारंटी के बाद ही हम इसे अपनी पूरी जीत समझेंगे। जब तक सरकार लोकसभा में इस कानून को वापस नहीं कर लेती तब तक वह सतर्क रहेंगे, क्योंकि बीजेपी सरकार भरोसे के काबिल नहीं है। 

आपको बता दे की पीएम मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए 3 नए कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया है। इस दौरन उन्होंने सभी देशवासियों को गुरु नानक जयंती की शुभकामना भी दी। जिसके बाद उन्होंने राष्ट्र को संबोधित करते हुए भारत में लागू किए गए तीन नए कृषि कानून को वापस लेने का ऐलान किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "केन्द्र सरकार ने कृषि में सुधार के लिए तीन नए कृषि कानून लागू किए थे। जिससे किसानों को फायदा मिले और उनकी हर संभव मदद हो सके। अपने पांच दशक के जीवन में किसानों की चुनौतियों को बहुत करीब से देखा है, जब देश हमें 2014 में प्रधानसेवक के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास, किसान कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।"

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