विकसित भारत@2047 की भूमिका पर चर्चा : गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने विकसित राष्ट्र बनाने का दिलाया संकल्प, बीजेपी का बताया वीजन

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New Delhi : राष्ट्रचिंतना के 15वें संस्करण में "विकसित भारत@2047 में हमारी भूमिका" विषय पर गहन चर्चा हुई। इस गोष्ठी में मुख्य वक्ता के तौर पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने भाग लिया। विषय परिचय करवाते हुए प्रोफेसर विवेक कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के 100 वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2047 में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया है। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, नवाचार और प्रौद्योगिकी पर भी ध्यान दिया जा रहा है।

2014 में फिर से हुआ भारत आजाद  : गोपाल कृष्ण अग्रवाल 
राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि विकसित भारत की यात्रा में हम बहुत दूर तक पहुंच चुके हैं। स्वतंत्रता से पहले भारत का योगदान विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 25-28% था, लेकिन 1947 में यह 2% से भी कम रह गया था। उस समय गरीबी, अशिक्षा और महामारियां बड़ी समस्याएं थीं। मुगल और अंग्रेजों ने विदेशी सभ्यता को बढ़ावा दिया। 2014 में फिर से भारत आजाद हुआ और परतंत्रता के संस्मरणों को विदा किया गया। प्रजातांत्रिक मूल्यों को अपनाया गया।

"सरकार की प्राथमिकताओं में बुनियादी ढांचा विकास"
गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सांस्कृतिक मूल्यों को ध्वस्त करने की साजिश रची गई थी। लेकिन मोदी सरकार ने पश्चिमी प्रभाव से मुक्ति दिलाई और आर्थिक समृद्धि, सांस्कृतिक विरासत और आम जनता के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। दक्षिण-पश्चिम एशियाई और अफ्रीकी देश संयुक्त राष्ट्र संघ के पुनर्गठन के लिए भारत का समर्थन कर रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान भारत ने दवाइयों को पेटेंट न करने की अपील की थी ताकि गरीब देशों तक इनकी पहुंच हो सके। नई तकनीकों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन और स्टार्टअप के जरिए भारत एक वैश्विक आर्थिक शक्ति बन रहा है। सरकार की प्राथमिकताओं में बुनियादी ढांचा विकास, व्यापार सुगमता और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों का पुनरुद्धार शामिल है। भारत की सांस्कृतिक विरासत जैसे योग, भोजन और संगीत भी वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो रहे हैं।
अयोध्या में राममंदिर का निर्माण
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान अयोध्या में राममंदिर का निर्माण और काशी-उज्जैन में सांस्कृतिक गतिविधियों का विस्तार भी हुआ है। उत्तर प्रदेश के शासन में कुंभ मेले का भव्य आयोजन हुआ। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत की सभ्यता और संस्कृति का प्रदर्शन किया गया। आज की सरकार राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देती है। यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत रूस और यूक्रेन से तेल आयात कर रहा है। युद्ध के बीच भारत ने अपने विद्यार्थियों के साथ अन्य देशों के छात्रों को भी निकालने में सफलता हासिल की। उन्होंने समाज की सज्जन शक्ति ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे छोटे व्यापारियों का संरक्षण, साइबर सुरक्षा की आवश्यकता, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र का विकास, प्रदूषण नियंत्रण, जनसंख्या नियंत्रण आदि पर चर्चा की।

जनसंख्या नियंत्रण पर संकल्प
प्रोफेसर बलवंत सिंह राजपूत ने कहा कि जनसंख्या असंतुलन विकसित भारत की अवधारणा को विद्रूप बना देगा। इसके लिए बिना किसी प्राकृतिक आपदा का इंतजार किए जनसंख्या नियंत्रण पर संकल्प लेना होगा। उन्होंने शिक्षकों की मौलिक चिंतन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

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