दिल्ली अब दूर नहीं : इसी महीने नमो भारत से कर सकेंगे मेरठ तक का सफर

Google Photo | नमो भारत



Noida Desk : देश की पहली रैपिड रेल परियोजना 'नमो भारत' की सीमा इसी महीने के अंत तक मेरठ के साउथ स्टेशन तक बढ़ जाएगी। फिलहाल साहिबाबाद से मोदीनगर तक चलने वाली इस ट्रेन का संचालन मेरठ तक विस्तारित होने से 8 किलोमीटर और बढ़ जाएगा। नमो भारत ट्रेन का परिचालन शुरू होने के बाद यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। अगले चरण में साहिबाबाद से दिल्ली के सराय कालें खां तक रैपिड रेल के संचालन की योजना है। इस खंड में सिविल कार्य का 100% और ट्रैक बिछाने का 50% से अधिक काम पूरा हो चुका है। विद्युतीकरण और स्टेशनों पर फिनिशिंग कार्य भी तेज गति से जारी है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार चला तो अगले साल मार्च तक दिल्ली जाने वाले यात्रियों को भी इस रूट का लाभ मिलने लगेगा।

विस्तार के लिए सभी तैयारियां पूरी : एनसीआरटीसी
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम लिमिटेड (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने बताया कि विस्तार के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं और सुरक्षा संबंधी सभी प्रमाण पत्र भी मिल गए हैं। मेरठ साउथ स्टेशन भी तैयार है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया, "हमारी योजना थी कि लोकसभा चुनाव से पहले ही नमो भारत रैपिड रेल को मेरठ तक चलाना शुरू कर दें, लेकिन कुछ कारणों से यह संभव नहीं हो सका। हालांकि चुनाव के दौरान कार्य में तेजी लाई गई और अब हम जून के आखिरी सप्ताह तक मेरठ साउथ तक संचालन शुरू करने की उम्मीद करते हैं।"

दिल्ली एनसीआर को मिलेगी कनेक्टिविटी 
सुविधा को और बढ़ाने के लिए स्टेशन क्षेत्र के चारों ओर सर्विस लेन के निर्माण के साथ-साथ प्रवेश और निकास द्वार के पास पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। स्टेशन को तीन स्तरों पर संरचित किया गया है।  ग्राउंड, कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म, फर्श का काम पूरा होने वाला है और तकनीकी कमरे पहले ही तैयार हो चुके हैं। प्री-फैब्रिकेटेड स्टेशन की छत स्थापित करने के प्रयासों के साथ-साथ उपकरण स्थापना भी जारी है। परतापुर से मेट्रो ट्रेन परिचालन शुरू होने से पड़ोसी क्षेत्रों के निवासियों के लिए कनेक्टिविटी में काफी सुधार होगा।  गौरतलब है कि करीब साढ़े तीन साल पहले 25 अक्टूबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहीबाबाद से मोदीनगर तक देश की पहली रैपिड रेल गुजरने को हरी झंडी दिखाई थी। अब तक इस रूट पर 10 लाख से अधिक लोग सफर कर चुके हैं।

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