डीएम गाजियाबाद सख्त :   ई-रूपी बाउचर रिडीम न होने पर लगाई स्वास्थ्य विभाग को फटकार

गाजियाबाद | 2 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

Tricity Today | जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक लेते डीएम इन्द्र विक्रम सिंह‌



Ghaziabad News : ई- रूपी बाउचर कम रिडीम होने पर जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की खबर ली। शासन स्तर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक मुताबिक जिले में केवल 53 प्रतिशत बाउचर ही रिडीम हो पाए। अप्रैल से जुलाई तक जिला स्वास्थ्य विभाग से कुल 10,594 ई-रूपी बाउचर जेनरेट किए गए लेकिन मात्र 5664 गर्भवती की ही अल्ट्रासाउंड जांच हुई। बाकी ई-रूपी बाउचर रिडीम ही नहीं हुए। इस रिपोर्ट को देखकर डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को कड़ी फटकार लगाई है।

ई-रूपी बाउचर : माह वार रिपोर्ट
माह वार रिपोर्ट की बात करें तो अप्रैल माह में जिले में 2250 बाउचर जेनरेट हुए, लेकिन उनमें से केवल 1212 ही रिडीम हुए। इसी प्रकार मई माह में 2855 में से 1477, जून माह 2628 में से 1443 और जुलाई माह में 2841 में से मात्र 1531 ई-रूपी बाउचर रिडीम हुए। यानि बाकी गर्भवतियों की अल्ट्रासाउंड जांच ही नहीं हुई। बता दें कि ई-रूपी बाउचर के जरिए स्वास्थ्य विभाग निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर गर्भवती की अल्ट्रासाउंड जांच कराता है। यह व्यवस्था  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत एएनसी कराने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए है।

लोनी और मुरादनगर की रिपोर्ट पर भड़के डीएम
जिलाधिकारी ने लोनी और मुरादनगर की आख्या रिपोर्ट पर कड़ी फटकार लगाई और मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी सीएमएस व एसीएमओ को आदेशित किया जाए कि वे अपने अधीनस्थ चिकित्सकों के साथ बैठक करें और उनमें कार्य करने की प्रति ऊर्जा का संचार करें, यदि उसके उपरांत भी कार्य के प्रति लापरवाही बरतते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। जिन अस्पतालों की खराब रिपोर्ट है, उनसे स्पष्टीकरण लिया जाए और भविष्य में ऐसी गलतियां ना हों, उसके लिए उन्हें चेताया जाए।  

बैठक में इन कार्यक्रमों की हुई समीक्षा
कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह बुधवार को जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक ले रहे थे। बैठक के दौरान ओपीडी और आईपीडी की क्रमिक स्थिति की समीक्षा की गई। इसके साथ ही आभा आईडी, ई-संजीवनी, मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम, पीएमएसएमए, जननी सुरक्षा योजना, मंत्रा एप, मातृ मृत्यु, परिवार नियोजन कार्यक्रम, नियमित टीकाकरण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम और पीसीपीएनडीटी कार्यक्रम की समीक्षा की गई।

जननी सुरक्षा सुरक्षा योजना पर दिया जोर
जननी सुरक्षा योजना में लाभार्थियों को शत-प्रतिशत भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि जननी को उक्त योजना का लाभा समय से प्राप्त हो सके। ईलाज के दौरान जच्चा-बच्चा की मृत्यु होने पर सूक्ष्मता से जांच की जाए।  उनकी मृत्यु से सम्बंधित आशा, रेगुलर जांच करने वाली डॉक्टर, एम्बुलेंस सेवा, चिकित्सक आदि सभी की जांच हो और यदि इनके द्वारा बरती गई लापरवाही से मृत्यु हुई हो तो उन पर विभागीय कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी गलती दोबारा ना हो सके। 

लोनी और मुरादनगर  में सुधार की जरूरत
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव गोपाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित किसी भी अप्रिय घटना होने के पीछे का कारण जानते हुए उसे दूर करने की शत प्रतिशत कोशिश करें। लोनी और मुरादनगर को अपने कार्यों में सुधार की बेहद आवश्यकता है। संबंधित एसीएमओ उक्त क्षेत्र के अस्पतालों का औचिक निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। 

बैठक में यह अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में समिति सदस्य सचिव मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अखिलेश मोहन व सदस्यों में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक संयुक्त जिला अस्पताल डॉ.विनोद चन्द्र पाण्डेय, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एमएमजी जिला अस्पताल डॉ.राकेश कुमार, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका जिला महिला अस्पताल डॉ.अलका शर्मा, डिप्टी सीएमओ डॉ.आरके गुप्ता, एसीएमओ डॉ.अमित विक्रम, डॉ.रविन्द्र कुमार, डॉ.अनवार अंसारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वार्ष्णेय, डब्लूएचओ से डॉ.अभिषेक, यूनिसेफ से मोहम्मद शादाब और जिला सूचना अधिकारी योगेन्द्र प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

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