Farmers Against Garbage Tired Of Protesting For Years Now They Will Go To Gorakhdham Farmers Sitting To On Hunger Strike Asked Why The Garbage Of The City Is Being Sent To The Villege
विरोध में किसान : वर्षों से आंदोलन कर हो गए परेशान, अब जाएंगे गोरखधाम, क्रमिक अनशन पर बैठे किसानों ने कहा शहर का कूड़ा गांव में क्यों
Tricity Today | पाइपलाइन रोड पर नगर निगम के कूड़े से बने पहाड़, क्रमिक अनशन पर बैठे किसान।
Ghaziabad News : मुरादनगर में पाइप लाइन रोड पर गाजियाबाद नगर निगम द्वारा कूड़ा डाले जाने के विरोध में आंदोलनरत हैं। एक साल हो गया, किसानों ने आंदोलन के सभी प्रयोग यहां कर लिए। दिवाली नहीं मनाई, होली नहीं मनाई, कांवड़ यात्रा के दौरान शिविर न लगाने का ऐलान भी किया। अब फिर दिवाली आने को है। विधायक भी आश्वासन दे चुके, अधिकारी भी आश्वासन दे चुके। कूड़ा डालने वाली कंपनी मुकदमें में दर्ज कर चुकी। अब किसान क्रमिक अनशन कर रहे हैं। रोजाना पांच किसान अनशन पर बैठते हैं, पर किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही। अब किसान मुख्यमंत्री से मिलने गोरखधाम जाने का मन बना रहे हैं, ताकि अपनी बात सीधे मुख्यमंत्री के सामने रख सकें।
अगस्त में एक लाख हस्ताक्षर भेज चुके हैं किसान
शहर का कूड़ा गांव में डालने के विरोध में आंदोलन कर रही विकास संघर्ष समिति ने एक लाख किसानों के हस्ताक्षर कराकर भी प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेज रखे हैं। 12 अगस्त को इन किसानों ने ट्रैक्टर मार्च करते हस्ताक्षरों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचने का ऐलान किया था। किसानों की इस घोषणा पर अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे और वहीं किसानों का ज्ञापन लेने की बात कही। हालांकि किसान इस बात के लिए राजी नहीं थे लेकिन बाद में मुरादनगर विधायक अजितपाल त्यागी की मध्यस्थता के चलते किसान मान गए थे।
प्रभारी मंत्री के सामने भी उठा था मामला
मुरादनगर विधायक अजीतपाल त्यागी ने नगर निगम को वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए किसानों से कुछ समय दिलवाया था, लेकिन नगर की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। विधायक अजितपाल त्यागी ने जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया और किसानों की पीड़ा बताने के साथ ही यह भी बताया कि नगर निगम अधिकारी उनसे मध्यस्थता कराने के बाद भी किए गए वायदे पर काम नहीं कर रहे हैं।
एक साल पहले तेज हुआ था विरोध
मुरादनगर में पाइप लाइन मार्ग पर भिक्कनपुर गांव के पास गाजियाबाद नगर निगम ने अपना डंपिंग ग्राउंड बनाया हुआ है, जब से निगम ने यहां कूड़ा डालना शुरू किया है, आसपास के किसान परेशान हैं और आंदोलन पर हैं। दिवाली न मनाने का ऐलान करने के बाद विकास संघर्ष समिति के बैनर तले सलेक भईया के नेतृत्व में दिसंबर, 2023 में किसानों का आंदोलन तेज हुआ, मगर एक साल भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा। हालांकि आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से आज भी जारी है। रोजाना पांच किसान क्रमिक अनशन पर बैठते हैं और अगले दिन दूसरे पांच किसानों की बारी आ जाती है।
16 गांवों की महापंचायत में लिया गया था विरोध का निर्णय
दिसंबर, 2023 में 16 गांवों के किसानों ने लामबंद होकर कूड़ा न डालने देने का एलान कर दिया था। 31 दिसंबर, 2023 को भिक्कनपुर में बुलाई गई महापंचायत में निर्णय लिया गया है नगर निगम को यहां कूडा नहीं गिराने देंगे। 12 स्कूलों के छात्रों मकरेड़ा गांव में हुए महायज्ञ में आहूति देकर अपना विरोध दर्ज कराया था। इससे पहले 23 दिसंबर को भी कूड़ा लेकर पहुंचे डंपर बैरंग लौटाए गए तो संबंधित कंपनी ने सलेक भईया समेत 30 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी थी।
कंपनी ने तीन साल के लिए ली थी जमीन
आंदोलन कर रहे किसानों ने बताया कि गाजियाबाद नगर निगम ने एक कंपनी को कूड़ा निस्तारण का ठेका दे रखा है। उस कंपनी ने भिक्कनपुर में तीन साल के लिए जमीन ली थी। इस पर कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया जाना था। लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। कूड़े के पहाड़ जरूर बना दिए गए। कूड़े से उठने वाली दुर्गंध से आसपास के गांवों में रहना मुहाल हो गया, ग्रामीण बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मोरटा, शाहपुर, बहादरपुर, भिक्कनपुर और मकरेड़ा आदि गांवों में स्थिति ज्यादा खराब है। सलेक भईया का कहना है कि तीन साल पिछले साल ही पूरे हो गए थे लेकिन कूड़े का डलान बंद नहीं हुआ।