गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से बड़ी खबर: 185 करोड़ का 'दहेज' लेकर जीडीए से विदा हुई इंदिरापुरम योजना, जानिए कैसे खर्च किया जाएगा पैसा

Tricity Today | जीडीए बोर्ड बैठक में इंदिरापुरम योजना का नगर निगम को हस्तांतरण।



Ghaziabad News : इंदिरापुरम योजना के साथ गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) नगर निगम को 185 करोड़ रुपये का भुगतान एक तरह दहेज के रूप में देकर विदाई कर रहा है। हालांकि शर्त है कि दहेंज में दी गई रकम में से एक-एक पाई इंदिरापुरम योजना पर ही खर्च होगी। इसके लिए नगर निगम को एक अलग खाता ऑपरेट करना होगा। शुरूआत में जीडीए एक मुश्त 70 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। भुगतान की पहली किश्त की तारीख को योजना के हस्तांतरण की तारीख माना जाएगा। उसके बाद शेष धनराशि का भुगतान जीडीए तीन किश्तों में यह करेगा। ये किश्ते 40, 40 और 35 करोड़ की होंगी और इनका भुगतान क्रमशः 31 दिसम्बर 2024, 31 मार्च 2025 और 31 जुलाई 2025 तक किया जाएगा।

50 करोड़ से चकाचक होंगी सड़कें
इंदिरापुरम योजना में कुल सड़कों की लंबाई 80 किमी है। गाजियाबाद विकास प्राधिक‌रण (जीडीए) की ओर से सड़कों सुदृढीकरण के लिए 50 करोड़ रुपये की राशि नगर निगम को दी जा रही है। 50 करोड़ रुपये की राशि जीडीए ने सीवर सुदृढीकरण के लिए भी देने की सहमति प्रदान की है। इसके अलावा 25 करोड़ रुपये की राशि योजना में नई सीवर लाइन डालने के लिए भी दी जा रही है।

नाला/ नाली निर्माण के लिए 50.31 करोड़
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने इंदिरापुरम योजना में लगभग 135 किमी ब्रिक वर्क एवं आरसीसी से नाले निर्मित हैं, जिसके सापेक्ष गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा नगर निगम, गाजियाबाद को 50.31 करोड़ नालों की मरम्मत और नवीनीकरण हेतु दिया जा रहा है। योजना में आवश्यकतानुसार ब्रिक वर्क नाले के स्थान पर आरसीसी नाले के निर्मांण तथा ब्रिक वर्क के नालों की मरम्मत / निर्माण हेतु दिया जा रहा है।

पेयजल के लिए 25 करोड़, सीवर व्यवस्था देखेगी निजी कंपनी
इंदिरापुरम योजना के हस्त‌ांतरिण के समय जीडीए की ओर 20 करोड़ रुपये की राशि पेयजल व्यवस्था के लिए भी दी जा रही है। इस राशि से नई ट्यूबवेल, नई पाईप लाइन एवं ट्यूबवेल व ओएचटी (ओवर हैड टैंक) मरम्मत का कार्य किया जा सकेगा। वर्तमान में सीवर के रख-रखाव हेतु नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत “वन सिटी वन ऑपरेटर योजना” के अन्तर्गत मैसर्स 'बवाग कम्पनी द्वारा किया जा रहा है। इंदिरापुरम क्षेत्र को 'वन सिटी वन ऑपरेटर योजना में शामिल किया जाने का कार्य शासन द्वारा किया जाना है। उक्त योजना में इंदिरापुरम क्षेत्र को शामिल किए जाने तक सीवर व पाइप लाइन का अनुरक्षण व संचालन की व्यवस्था यथावत गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा की जाएगी। यह समय अधिकतम छह माह हो सकता है।

सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 35 करोड़ और भूमि
इसके साथ सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के लिए भी जीडीए ने नगर निगम को 20 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की है। इंदिरापुरम योजना में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन (सोलिड वेस्ट मेनेजमेन्ट) हेतु कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन के लिए 400 वर्गमीटर एवं एमआरएफ हेतु 450 वर्गमीटर भूमि की आवश्यकता है, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण छह माह के अन्दर भूमि उपलब्ध कराएगा। नगर निगम द्वारा कूड़ा कलेक्शन / ट्रांसफर स्टेशन की व्यवस्था अपने स्तर से किए जाने तक ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन की वर्तमान व्यवस्था यथावत रहेगी, जिसका वहन गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाएगा, जिस हेतु अधिकतम अवधि छह माह होगी तथा सॉलिड वेस्ट प्रबंधन हेतु 15 करोड़ रुपये गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा गाजियाबाद नगर निगम को दिया जा रहा है।

13.69 करोड़ स्ट्रीट लाइट, 11 करोड़  पार्कों पर
गाजियाबाद विकास प्रधिकरण द्वारा नगर निगम गाजियाबाद को पार्कों की सौंदर्यीकरण के लिए 11 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा नगर निगम गाजियाबाद को स्ट्रीट लाईटों को बदलने एवं ठीक कराने हेतु 13.69 करोड़ रुपये की राशि दी जा रही है। नीति खण्ड-2 में स्थित साइट ऑफिस के दो कमरे तथा उद्यान नर्सरी में मात्र साईट ऑफिस पूर्व की भांति अधिकतम छह माह तक प्राधिकरण द्वारा उपयोग किया जाएगा। इस अवधि के उपरान्त सम्पूर्ण क्षेत्र पर नगर निगम का स्वामित्व होगा।

सामुदायिक केंद्रों और विज्ञापन आय पर निगम का हक
इंदिरापुरम योजना में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित सभी सामुदायिक केन्द्र और उनसे आने वाली आय पर गाजियाबाद नगर निगम प्रबन्धन का हक होगा। इंदिरापुरम क्षेत्र के सभी विज्ञापन अधिकार गाजियाबाद नगर निगम को हस्तान्तरित हो जाएंगे। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नीति खण्ड-दो में स्थित साइट ऑफिस नगर निगम को जोनल कार्यालय हेतु उपलब्ध कराया जाएगा। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नीति खण्ड-2 के साइट ऑफिस के दो कमरे तथा नर्सरी के साइट ऑफिस पू्र्व की भांति प्राधिकरण द्वारा उपयोग किया जाएगा। अन्य क्षेत्र पर नगर निगम का प्रबन्धन होगा।

कोई वाद होने पर खर्च जीडीए के जिम्मे
यदि हस्तान्तरण के पश्चात नई व्यवस्था के कारण 'कोई किसी फर्म अथवा ठेकेदार द्वारा हस्तान्तरण से संबंधित वाद दायर किया जाता है तो नगर निगम द्वारा प्रभावी पैरवी किये जाने का व्यय गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा वहन किया जायेगा। इन्दिरापुरम क्षेत्र के हस्तान्तरण के कारण नगर निगम का कार्य क्षेत्र बढ़ेगा, जिसके लिए शासन से अतिरिक्त स्टाफ मिलने तक अथवा तीन माह तक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का वर्तमान स्टाफ कार्यहित में सहयोग प्रदान करेगा।

नगर निगम वसूलेगा कर
इन्दिरापुरम केत्र हस्तगत होने की तिथि से भवन-कर, जल-कर व सीवर-कर लेने का अधिकार सरकारी बॉडिज सहित गाजियाबाद नगर निगम में निहित होगा। इन्दिरापुरम क्षेत्र की सभी नर्सियां हस्तगत की तिथि से गाजियाबाद नगर निगम को हस्तगत हो जाएंगी।

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