Ghaziabad News : इंदिरापुरम में काफी लोगों ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का मेंटीनेंस चार्ज नहीं दिया है। जीडीए योजना का रखरखाव करने के लिए इंदिरापुरम में रहने वालों से मेंटीनेंस चार्ज वसूलता है। इंदिरापुरम योजना सैद्धांतिक रूप से नगर निगम को ट्रांसफर हो गई है, अभी योजना ट्रांसफर की प्रक्रिया में है और जब योजना पूरी तरह ट्रांसफर हो जाएगी तो इंदिरापुरम के लोगों को केवल संपत्ति कर देना होगा, लेकिन जीडीए का बकाया मेंटीनेंस भी जमा करना होगा।
हस्तांतरण से पहले वसूली तेज करने के प्रयास
इंदिरापुरम योजना में मेंटीनेंस के काम देख रहे पीयूष कुमार सिंह का कहना है कि मेंट्रीनेंस के बकाएदारों को नोटिस भेजकर बकाया वसूली तेज की जा रही है। प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों से जीडीए बकाया मेंटीनेंस वसूल कर ले। जो लोग मेंटीनेंस शुल्क जमा नहीं करेंंगे उनकी सूची नगर निगम को सौंपी जाएगी, एक तय समय के बाद वसूली की जिम्मेदारी नगर के पास चली जाएगी, लेकिन जो बकाया है तो वो तो जमा करना ही होगा।
70 करोड़ रुपये का मेंटीनेंस चार्ज बकाया है
इंदिरापुरम के लोगों पर मेंट्रीनेंस शुल्क का 70 करोड़ रुपया बकाया है। जीडीए इंदिरापुरम योजना का ट्रांसफर करने के साथ इंदिरापुरम को कुल 185 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। पहले किश्त 70 करोड़ रुपये की होगी। योजना के ट्रांसफर होने की शर्तों में यह स्पष्ट है कि योजना का ट्रांसफर उसी दिन से मांगा जाएगा जिस दिन जीडीए नगर निगम को 70 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। जीडीए का कहना है कि जल्द ही जीडीए को 70 करोड़ रुपये का भुगतान योजना का हस्तांतरण किया जाएगा, उससे पहले अधिक से अधिक बकाया वसूूली के प्रयास किए जा रहे हैं।
सब कुछ संपत्ति में शामिल होगा
नगर निगम को योजना का हस्तांतरण होने के बाद इंदिरापुरम के लोग जीडीए और नगर निगम के बीच चक्कर काटने से बच जाएंगे। हस्तांतरण के बाद इंदिरापुरम वालों के सभी काम नगर निगम से होंगे और टैक्स के रूप में केवल संपत्ति कर का भुगतान करना होगा। इंदिरापुरम वालों का बड़ा लाभ यह होगा कि जीडीए से योजना के साथ मिले पैसे से सड़क, सीवर और नालियों के कार्य पूरे हो जाएंगे, इससे आने वाले दिनों में समस्या काफी कम हो जाएगी।