गाजियाबाद से खबर : मोदीनगर में 34 साल पहले हुई थी तीन श्रमिकों की हत्या, फैसला आने से पहले 12 आरोपियों की हो चुकी थी मौत, बाकी 11 साक्ष्य के अभाव में छूट गए

गाजियाबाद | 2 महीना पहले | Dhiraj Dhillon

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Ghaziabad News : मोदीनगर कपड़ा मिल का मामला है। 6 अगस्त, 1990 में श्रमिक आंदोलन के दौरान कपड़ा मिल के गेट पर दो पक्षों की बीच हई गोलीबारी हुई थी।  गोली लगने से तीन श्रमिक मारे गए थे। पुलिस ने दोनों पक्षों के 23 लोग नामजद किए थे। उस समय सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। लेकिन लंबी सुनवाई के मामला अदालत में फैसले तक पहुंचा तो 12 आरोपियों की मौत हो चुकी थी, बाकी 11 आरोपी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए।

पुलिस गवाहों के बयान की पुष्टि नहीं करा पाई
कपड़ा मिल के गेट पर हुई गोलीबारी में एक पक्ष के जय भगवान और बेदू की हत्या हुई थी। इसमें मामले में 15 लोगों को नामजद कराया गया था। मामले के वादी सुनील कुमार थे। दूसरे मामला सत्यभान की ओर से दर्ज कराया गया था। सत्यवान ने अपने भाई महेंद्र की हत्या के आरोप में आठ लोगों को नामजद कराया था। पुलिस ने दोनों पक्षों के 23 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में सब जमानत पर छूट गए। मामले में ईसी एक्ट कोर्ट के विशेष न्यायधीश अनिल कुमार ने कहा है कि पुलिस ने साक्ष्य जुटाने में लापरवाही की। पुलिस ने मामले में गवाहों के बयान कराए थे लेकिन अदालत में उनकी पुष्टि नहीं हुई।

एक मामले के सात आरोपी और और दूसरे के पांच की हो चुकी है मौत
जयभगवान और बेदू की हत्या के मामले में नामजद 15 आरोपियों में से सात की मौत हो चुकी है। बाकी बचे आठ साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए। दूसरी ओर महेंद्र की हत्या में नामजद आठ में से पांच की मौत हो गई और अब बाकी तीन साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए। शासकीय अधिवक्ता से मिली जानकारी के मुताबिक जिन 11 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है, उनमें एक पक्ष से मोदीनगर के पूर्व चेयरमैन रामआसरे शर्मा, चमन, मदन, हरवीर, बिट्टू, ओमप्रकाश, सियाराम, राजपाल व दूसरे पक्ष से शौकेंद्र, राजवीर और अजय शामिल है। मामले में दोनों पक्षों के कुल कुल 23 लोग नामजद हुए थे, लेकिन 12 की सुनवाई के दौरान मौत हो गई।

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