Ghaziabad News : जिलाधिकारी गाजियाबाद इन्द्र विक्रम सिंह काम के धुनी होने के साथ ही चालू लोगों के लिए काफी सख्त हैं, लेकिन जरूरतमंदों के लिए एकदम सरल। जिलाधिकारी के रूप में काम करने से पहले वह गाजियाबाद में ही एडीएम सिटी के पद पर भी रहे हैं। उस समय इन्द्र विक्रम सिंह पीसीएस अधिकारी हुआ करते थे। आईएएस में प्रोन्नति पाने के बाद जिलाधिकारी के रूप में मुजफ्फरनगर और अलीगढ़ के बाद वे पिछले दो वर्षों से गाजियाबाद के डीएम हैं।
गजब का विवेक रखते हैं इन्द्र विक्रम सिंह
इन्द्र विक्रम सिंह गजब का विवेक रखते हैं। सौ लोगों की भीड़ में भी पीड़ित पर उनकी नजर पड़ जाती है। कार्यालय के बाहर भी कोई जरूरतमंद दिख जाए तो चलती गाड़ी से उतरकर उसकी भी सुन लेते हैं। एक बार फिर ऐसा ही उस समय हुआ जब वह जरूरी बैठक के लिए विकास भवन की ओर जा रहे थे। कलेक्ट्रेट परिसर में एक बुजुर्ग पर उनकी नजर पड़ी। बुजुर्ग की ओर बढ़ गए। एडीएम सिटी गंभीर सिंह और सूचना अधिकारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उनके पीछे - पीछे हो लिए।
“बाबा कैसे आना हुआ, कोई परेशानी हो तो बताओ”
जिलाधिकारी को अपनी ओर आते बुजुर्ग तो सकपकाए लेकिन अगले ही डीएम के मुंह से सुन कि “बाबा कैसे आना हुआ, कोई परेशानी हो तो बताओ” सुनकर मानों बुजुर्ग के मन की मुराद पूरी हो गई। बोले साहब पोती के लिए कन्या सुमंगला दिला दो। डीएम मुस्कुराए। आपको पता है इस योजना की जानकारी कहां से मिलेगी? डीएम के पूछने पर निरुत्तर से देखते रहे, थोड़ा रुककर बोले साहब हमें कौन बताएगा। ठहरिए अभी आपको जिम्मेदारी अधिकारी से मिलवाते हैं, चिंता क्यों करते हो, अच्छा आओ हमारे साथ चलो। कहकर बुजुर्ग को विकास भवन के सभागार में ले गए। वहां तमाम अधिकारी वाटर कंजर्वेशन की मीटिंग के लिए डीएम साहब के इंतजार में बैठे थे।
बाबा को कन्या सुमंगला के बारे में बताओ
सभागार में पहुंचते ही जिलाधिकारी ने जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज कुमार को बुलाया। बोले, बाबा की मदद करो। इन्हें पूरी जानकारी दिलवाओ और साथ ही कन्या सुमंगला योजना के लिए आवेदन कराओ। विजयनगर से पहुंचे बुजुर्ग नरेंद्र एकदम खुशी-खुशी अब प्रोबेशन अधिकारी से मुखाबित थे। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया उन्हें सम्मान बैठाया और कन्या सुमंगला योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बुजुर्ग के पास उपलब्ध दस्तावेजों के बारे में पता किया तो उनके पास दस्तावेज पूरे नहीं थे। हाथों हाथ कन्या सुमंगला योजना का कार्ड देते हुए जरूरी दस्तावेजों के बारे भी बताया। बुजुर्ग पूरे कागज लेकर आने की बात कहकर खुशी- खुशी अपने घर चले गए। प्रोबेशन अधिकारी ने बताया उनकी पात्रता की जांच कर कन्या सुमंगला योजना का लाभ उन्हें दिलाया जाएगा।