समस्याओं का शहर ग्रेटर नोएडा वेस्ट : घंटों लग रहे जाम से झल्लाए शहरवासी, कहा- 'बस हेडलाइन में दौड़ रही मेट्रो, अथॉरिटी के पास केवल वादे और सपने'

Tricity Today | भीषण जाम की तस्वीर



Greater Noida West : ग्रेटर नोएडा वेस्ट में रोज नए-नए मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं, लेकिन इनके साथ एक बड़ी समस्या भी खड़ी ट्रैफिक जाम की। ट्रैफिक जाम इतना भीषण कि लोग देख ही दूसरा रास्ता पकड़ लें। करोड़ों लोगों को अथॉरिटी, सरकार और बिल्डर द्वारा सपना दिखाए गए थे, वह सब साफ-साफ झूठ निकले। शनिवार को फिर लोगों को दोपहर की कड़ी धूप में पसीने से लतपथ हो घर को लौटने पड़ा। इसे लेकर कई लोगों अथॉरिटी, सरकार और बिल्डर को खूब खरीखोटी सुनाई। ग्रेनो वेस्ट की मेट्रो तो हेडलाइन में दौड़ रही है।

वायरल वीडियो में निवासी द्वारा बताया गया अपनी आपबीती
एक निवासी द्वारा बताया गया कि गौर सिटी सेंटर जब बना था तो लोगों को ऑफिस स्पेस बचे गए थे। उन्हें यह स्पेस मेट्रो के सपने दिखा बेचे गए थे। जिन्होंने ऑफिस खरीदे वो सब परेशान है और बोल रहे हैं कि बिल्डर और अथॉरिटी ने उन्हें सपने दिखाए और फिर गायब हो गए। उन्होंने आगे कहा कि नवरात्री के अवसर पर अभी से यह हाल न जाने आगे कितना बुरा हाल होगा। अभी दीपवाली भी आएगी तब इन रेंगती हुई गाड़ियों से लोग और परेशान हो जाएंगे। इस ट्रैफिक जाम के चक्कर में ही लाखों लोग दिल्ली छोड़ कर आए थे आज यहां का हाल दिल्ली से भी बत्तर हो चुका है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ग्रेनो वेस्ट की मेट्रो तो हेडलाइन में दौड़ रही है। कभी मेट्रो, कभी लाइट रेल, कभी पॉड टैक्सी, कभी रैपिड रेल – सभी बस घोषणाओं के दौर में। 8 साल से ये चक्रव्यूह चल रहा है! लगता है, विकास के खेल में ग्रेनो वेस्ट बस एक 'सेलेक्टिव' टारगेट है, जो केवल बिल्डरों के फेवर में है।

लोगों का अथॉरिटी, सरकार और बिल्डर पर फूटा गुस्सा
वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद है कि कई लोगों ने 'X' पर अपनी आपबीती सुनाई और कहा कि हमें तो यह सब बिल्डर और अथॉरिटी की सांठगांठ लग रही है। जब भी यहां के लोगों को आवाज उठाते देखते तभी मेट्रो के आने की अफवाह फैला देते है। आठ सालों ऐसे ही ग्रेटर नोएडा वेस्ट के लोगों को गुमराह किया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा कि आएगी मेट्रो भी इंतजार कीजिए अभी अगले चुनाव में कुछ समय शेष है! वहीं दूसरे ने लिखा कि यह सब अथॉरिटी और ट्रैफिक पुलिस के खराब और जिद्दी प्रबंधन के कारण है, सिग्नल नहीं लगाते, गोल चक्करों को अवरुद्ध करते हैं और जनता को भारी असुविधा देते हैं, लेकिन कौन सुनता है।

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