ग्रेटर नोएडा Farmer Protest : किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक, अथॉरिटी के गेट पर जड़ा ताला, Video

Tricity Today | किसानों और पुलिस के बीच नोकझोंक



Greater Noida : किसान सभा ने हजारों की संख्या में एकत्रित होकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दोनों गेट बंद कर दिए। शाम 5 बजे गेट नंबर 1 को इस घोषणा के साथ स्वयं ही किसानों ने खोल दिया कि यदि किसानों की समस्याएं एक हफ्ते में दूर नहीं हुई तो प्राधिकरण को पूरी तरह जाम कर दिया जाएगा। कल की वार्ता के विफल होने और पूर्व घोषणा के मुताबिक किसान सभा के हजारों कार्यकर्ता 12 बजे तक प्राधिकरण गोल चक्कर पर इकट्ठा हुए।
फोर्स अथॉरिटी पर तैनात
वहां से जुलूस के रूप में आगे बढ़े प्राधिकरण के गेट नंबर 1 पर डीसीपी रामबदन के नेतृत्व में भारी पुलिस फोर्स मौजूद थी। फोर्स ने किसानों को रोकने की कोशिश की लेकिन किसानों ने पुलिस को पीछे धकेलते हुए गेट नंबर 1 पर कब्जा कर लिया। गौरतलब है कि गेट नंबर 2 पर किसान पहले से कब्जा किए हुए हैं। जिसका आज 43वां दिन था। इस तरह हजारों की संख्या में किसानों ने दोनों गेटों पर अपनी सभा शुरू कर दी। दोनों गेटों पर हजारों की संख्या में महिलाएं भी मौजूद रही। जो भी लोग प्राधिकरण में अंदर थे। वह अंदर ही रहे और जो बाहर थे। वह बाहर ही रह गए प्रशासन ने किसानों को रोकने अथवा गिरफ्तार करने की हिम्मत नहीं हुई।

सीईओ पर साधा निशाना
किसान सभा के प्रवक्ता डॉ.रुपेश वर्मा ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राधिकरण सीईओ बेहद कमजोर अधिकारी है। किसान विरोधी है, किसानों की समस्याओं का हल नहीं करना चाहती। जबकि 50 गांवों के हजारों किसान धरना दे रहे हैं। लोकतंत्र में इस तरह की संवेदनहीनता ना काबिले बर्दाश्त है। लोक सेवक को लोक सेवक की तरह व्यवहार करना चाहिए और किसानों की वाजिब समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए।

उन्होंने बताया अबकी बार किसान किसी आश्वासन अथवा लिखित आश्वासन के लिए नहीं आया बल्कि ठोस नतीजे प्राप्त करने आए हैं। किसानों ने पूरे 1 साल का मन बना कर आंदोलन की शुरुआत की है। यहां पर पक्का मोर्चा लगा दिया है। मोर्चा जब तक चलेगा जब तक कि किसानों की समस्याएं हल नहीं होती डेरा डालो घेरा डालो के तहत सैकड़ों किसान प्राधिकरण पर ही घर बनाकर आज से रहना शुरू करेंगे।

सत्ता दल को पड़ेगा भारी : किसान
किसान सभा के जिला अध्यक्ष नरेंद्र भाटी ने कहा किसान विरोधी प्राधिकरण अधिकारियों को या तो किसानों की समस्याएं हल करनी होंगी या यहां से जाना पड़ेगा। उपाध्यक्ष सूबेदार ब्रह्मपाल ने कहा कि यदि प्राधिकरण ने किसानों की समस्याएं हल नहीं की तो यह आंदोलन सत्ताधारी पार्टी को आने वाले चुनाव में भारी पड़ सकता है। 50 गांव के किसान आक्रोशित हैं। बिना समस्याओं को हल कराए बिना घर जाने वाले नहीं हैं।

प्रदर्शन रहेगा जारी
आंदोलन का हिस्सा रहे गवरी मुखिया ने चेतावनी देते हुए कहा कि हम अपने पूर्वजों की जमीन पर कोई हमला नहीं होने देंगे। जब तक आबादियों की लीज बैक 10% आबादी प्लाट 40 वर्ग मीटर का भूमिहीनों का प्लाट रोजगार 17.5 पर्सेंट का किसान कोटा, 120 वर्ग मीटर का न्यूनतम प्लाट और अन्य मुद्दे हल नहीं हो जाते तब तक किसान प्राधिकरण को घेरने का काम करेंगे। इस प्रदर्शन में अमित, मोहित, शशांक, मोनू, सुरेंद्र यादव, सुरेश यादव, राजू, हरेंद्र खारी समेत सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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