इस साल का पहला सूर्यग्रहण आने वाली 10 जून 2021 को होगा। उस दिन ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष अमावस्या है। गुरुवार के दिन भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के अनुसार दोपहर 01:43 से शाम 6:41 बजे के मध्य होगा। यह सूर्यग्रहण कंकणाकृति (वलयाकार) सूर्यग्रहण घटित होगा। यह जानकारी प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पण्डित शिव पाराशर ने दी है।
इन देशों में दिखेगा लेकिन भारत में नहीं
पण्डित शिव पाराशर ने बताया कि लगभग 5 घंटे तक घटित होने वाले इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव इस भूमंडल के बहुत बड़े भूभाग पर देखने को मिलेगा। दुनिया के विभिन्न देशों कनाड़ा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, रूस और अमेरिका सहित 38 देशों में खग्रास सूर्यग्रहण देखा जा सकेगा। भारत में यह ग्रहण कहीं भी दिखाई नहीं देगा।
भारत में कोई सूतक दोष नहीं लगेगा
पण्डित शिव पाराशर ने बताया कि शास्त्र के अनुसार सूर्यग्रहण का सूतक ग्रहण आरंभ होने से 12 घंटे पूर्व लग जाता है। जहां-जहां ये सूर्यग्रहण दिखाई देगा, केवल वहां-वहां इसका सूतक और प्रभाव मान्य होगा। अन्य जगहों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए भारत में ना दिखाई देने वाले इस सूर्यग्रहण का कोई प्रभाव या सूतक दोष मान्य नहीं होगा।
राशियों पर इस ग्रहण का असर जरूर होगा
इस सूर्य ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा, राहु और बुध वृष राशी में गोचर कर रहे होंगे। ज्योतिषीय मतानुसार भिन्न-भिन्न राशियों पर इस गोचर शुभाशुभ प्रभाव अवश्य पड़ेगा। इसलिए ग्रहण के चलते जप, तप तथा दान आदि विशेष प्रभावकारी होंगे। स्मरण रहे इस दिन प्रतिवर्ष की भांति ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती भी है। न्यायाधिकारी शनि ग्रह को प्रसन्न करने और अनुग्रह प्राप्त करने के लिए इस दिन विशेषकर शनि महाराज का पूजन अर्चन अत्यंत लाभदायी होता है।
शनि को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन होगा
जिन जातकों की जन्म कुंडली में शनि ग्रह दुष्प्रभावी है या शनि की साढ़ेसाती, ढैया कष्टकारी होकर गुजर रही है, उनके लिए कष्ट निवारण का सबसे उपयुक्त समय इस दिन से बढ़कर और क्या होगा। अतः अवसर का लाभ प्राप्त करें।
(पंडित शिव पाराशर से संपर्क करने के लिए आईडी shivhr3@gmail.com पर मेल करें।)