स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स का कायाकल्प : ग्रेटर नोएडा में तैयार किए जाएंगे भविष्य के ओलंपिक चैंपियन, निजी कंपनियां कॉरपोरेट की तर्ज पर चलाएंगी

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा का स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स



Greater Noida News :  (संजीव कुमार सिंह) ग्रेटर नोएडा का स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स शहर की शान और पहचान है। अब इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से और पेशेवर बनाने की तैयारी की जा रही है, ताकि यहां पर ओलंपिक और कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ी तैयार किए जा सकें। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ रवि कुमार एनजी की पहल पर खेल परिसर का कायाकल्प करने की योजना है।

करोड़ों खर्च करने के बाद भी नतीजे नहीं
फिलहाल शहीद पथिक स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स की कमान ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के हाथों में है। 39 एकड़ में फैले खेल परिसर को 2015 में 150 करोड़ रुपये खर्च करके बनाया गया था। यहां कई आधुनिक सुविधाएं तो हैं लेकिन इनसे मनमाफिक नतीजे नहीं मिल रहे।
आलम यह है कि रखरखाव पर काफी पैसा खर्च करने के बावजूद इसे दिल्ली और नोएडा जैसा दर्जा हासिल नहीं हो पाया। खिलाड़ी स्तरीय कोचिंग और अभ्यास के लिए दिल्ली और दूसरे राज्यों का रुख करते हैं। इसके लिए उन्हें मोटा पैसा भी खर्च करना पड़ता है और काफी समय व ऊर्जा भी खर्च होती है। इसी को ध्यान में रखते हुए अथॉरिटी ने स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स व्यापक योजना तैयार की है। 

कॉरपोरेट शैली में होगा हर काम
ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीयल डवलपमेंट अथॉरिटी (GNIDA) ने इसे पूरी तरह से निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है, जो मैनजमेंट, ऑपरेशंस और मेंटेनेंस का काम देखेंगी। निजी कंपनियां कॉरपोरेट शैली में ये सभी काम करेंगी। इस हर क्षेत्र की गुणवत्ता में सुधार होगा और जवाबदेही बनेगी।

कब भेजे जा सकते हैं आवेदन
अथॉरिटी ने संबंधित कामों के लिए अलग कंपनियों से प्रस्ताव आमंत्रित किए है, जो 5 जुलाई तक भेजे जा सकते हैं। एक जुलाई को प्रस्ताव से संबंधित सवाल पूछे जा सकेंगे। पिछले साल अक्तूबर में भी GNIDA ने इसी संबंध में आवेदन मांगे थे, लेकिन तब कोई भी अच्छा प्रस्ताव नहीं मिल सका था, लिहाजा इस योजना पर अमल नहीं हो सका था। लेकिन इस बार इसे और आकर्षक बनाया गया है।  

महान प्रकाश पादुकोण ने रुचि दिखाई
महान बैडमिंटन खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के एक हिस्से का संचालन करने में रुचि दिखा चुके हैं। इसके लिए उन्होंने GNIDA को 11 जून को एक पत्र भी लिखा था। बताना जरूरी है कि उन्हीं के शिष्य पुलेला गोपीचंद ने यहां ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु के नाम से बैडमिंटन अकादमी का संचालन किया था, लेकिन कई कारणों ये यह ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकी थी। गोपीचंद ने भी पादुकोण की तरह ही प्रतिष्ठित ऑल इंग्लैंड बैडमिंट खिताब जीतकर इतिहास रचा था। वैसे, आज की पीढ़ी प्रकाश पादुकोण को उनकी बेटी दीपिका पादुकोण के पिता के तौर पर ज्यादा जानती है। 

ओलंपिक स्तर की सुविधाएं
  1. फिलहाल स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में क्रिकेट मैदान, इंडोर स्टेडियम,  फुटबॉल और टेनिस कोर्ट मौजूद हैं। लेकिन रखरखाव पर खर्च काफी ज्यादा है।
  2. सभी खेल सुविधाओं और मैदानों को अत्याधुनिक बनाने के साथ ओलंपिक साइज और मानकों के हिसाब से स्विमिंग पूल और तीरंदाजी रेंज बनाई जाएगी।
खिलाड़ियों को क्या फायदा
  1. स्थानीय और आसपास के खिलाड़ियों को तैयारी से विश्व स्तरीय सुविधाएं और उपकरण मिल सकेंगे। 
  2. प्रशिक्षित कोच और तकनीकी स्टाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों के हिसाब से तैयारी कराएंगे। इनमें निजी आहार और खेल विज्ञान विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।
  3. दिल्ली और आसपास के राज्यों में महंगी कोचिंग और लंबी यात्राओं से छुटकारा मिल सकेगा।
मनोरंजन और खानपान भी
  1. परिसर में मनोरंजन और अन्य गतिविधियों के लिए ओपन एंपीथिएटर, कॉन्फ्रेंस रूम और फूड कोर्ट बनाने का भी प्रस्ताव है।

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