गौतमबुद्ध नगर: ग्रामीण टूरिज्म के जरिए फैल रही गांवों की ऐतिहासिक विरासत

Tricity Today | गांव पहुंचे पर्यटक



Gautam Buddh Nagar: गौतमबुद्ध नगर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीण टूरिज्म की शुरुआत हुई है। इसके तहत शहरी क्षेत्र और दूसरे राज्यों, जनपदों तथा शहर में बसे विदेशी नागरिकों को जिले के गांवों की धरोहर से परिचित कराया जा रहा है। इसी कड़ी में पर्यटकों का एक ग्रुप आज जिले के कठेहरा गांव पहुंचा। अश्विनी भाटी ने सभी लोगों को दादरी ब्लॉक के इस गांव की ऐतिहासिक थाती के बारे में बताया। 

उन्होंने कहा कि कठेहरा गांव में गुर्जर जाति लंबे समय से रहती है। कई मौकों पर उन्हें संघर्ष करना पड़ा है। साथ ही गांव में नए तौर-तरीके से जैविक खेती को बढ़ावा दिया गया है। उस बारे में भी जानकारी दी गई। गांव के वरिष्ठ शिक्षक लज्जाराम भाटी ने कठेहरा के ऐतिहासिक राजा राव उमराव सिंह भाटी की कहानियां सुनाईं। उन्होंने बताया कि उमराव सिंह अंग्रेजों से टक्कर लेते रहे। अंग्रेजी फौजें कभी भी हिंडन नदी पार नहीं करने दिया। कई मौकों पर अंग्रेजों का असलहा और घोड़ों को अपने कब्जे में लेने में कामयाब रहे थे। 

दरअसल ग्रामीण टूरिज्म के जरिए उन क्रांतिकारी वीरों को भी याद किया जा रहा है, जिनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है। इसीलिए कठेहरा गांव के क्रांतिकारी राजा राव उमराव सिंह को याद किया गया। अश्वनी भाटी पर्यटकों को गांव में घुमाते हैं। उनको गांवों और गुर्जर जाति के इतिहास से रूबरू कराते हैं। उनके जैविक फार्म पर टूरिस्ट गांव के खाने का भी लुत्फ उठाते हैं। दूरदराज़ से रोज़ाना सैकड़ों की संख्या में शहरी निवासी ग्रामीण परम्पराओं को देखने यहां आते हैं।

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