Greater Noida Authority : एसीईओ के बाद 3 ओएसडी और एक डिप्टी कलेक्टर के बीच विभागों का बंटवारा, जानिए किसको क्या मिला?

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि कुमार एनजी ने तीन ओएसडी (अफसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) और एक डिप्टी कलेक्टर के बीच विभागों का पुनर्गठन करते हुए नए सिरे से जिम्मेदारियां सौंपी हैं। यह कदम अरबों रुपये की ज़मीन की लीज़ बैक की चल रही एसआईटी जांच के मद्देनजर उठाया गया है, जिससे विभागों की कार्यशैली में पारदर्शिता और कुशलता सुनिश्चित की जा सके। ग्रेटर नोएडा के निवासियों को उम्मीद है कि इस पुनर्गठन के बाद विभागों में कार्य की गति और पारदर्शिता में सुधार होगा। साथ ही प्राधिकरण के अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी और तत्परता से निभाएंगे।

ओएसडी हिमांशु वर्मा
ओएसडी हिमांशु वर्मा को बिल्डर परियोजना और भूलेख विभाग का कनिष्क प्रभार दिया गया है।

ओएसडी संतोष कुमार
ओएसडी संतोष कुमार को किसान आबादी विभाग के वर्क सर्कल 1, 2, 3, और 4 का काम सौंपा गया है। इसके अलावा, वह कमर्शियल सिस्टम, अर्बन प्रॉपर्टी, उद्योग और स्वास्थ्य विभाग का काम भी देखेंगे।

ओएसडी नवीन कुमार
ओएसडी नवीन कुमार को ग्रुप हाउसिंग, आईटी, मार्केटिंग, आर्टिकल चार, और संस्थागत विभाग का कनिष्क प्रभार दिया गया है। 

डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम
डिप्टी कलेक्टर जितेंद्र गौतम को एचआर विभाग, बिजली विभाग, जल, सीवर, और किसान आबादी वर्क सर्कल 5, 6, 7, और 8 का काम सौंपा गया है।

पुनर्गठन के प्रमुख उद्देश्य
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने यह पुनर्गठन सुनिश्चित करने के लिए किया है कि विभागों में कार्य सुचारू रूप से चल सके और किसी भी प्रकार की धांधली से बचा जा सके। विभागों में स्पष्टता और जिम्मेदारियों का सही बंटवारा, प्रशासनिक कार्यक्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 

एसआईटी जांच का प्रभाव
अरबों रुपये की जमीन की लीज़ बैक की चल रही एसआईटी जांच के लीक होने के मामले में चर्चा में रहने वाले ओएसडी हिमांशु वर्मा से किसान आबादी विभाग हटाने का निर्णय लिया गया है। इस मामले में जांच को पारदर्शी बनाने के लिए सीईओ ने यह कदम उठाया है, जिससे जांच प्रक्रिया पर कोई प्रभाव न पड़े।

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