ग्रेटर नोएडा के रनहेरा गांव में बाढ़ : प्राधिकरण और प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीणों की जिंदगी बनी नरक, घरों में भरा पानी

Tricity Today | रनहेरा गांव में बाढ़



Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में जेवर क्षेत्र के रनहेरा गांव में भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। गांव में जलभराव के कारण स्थानीय निवासियों को गंभीर बाढ़ जैसे हालात बन गए। गांव की सड़कें, गलियों के अलावा घरों में पानी घुस गया। ग्रामीणों का आरोप है कि इस समस्या को लेकर प्राधिकरण और प्रशासन से कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन अभी तक समाधान नहीं किया गया है। उनकी जिंदगी बद बत्तर हो गई है। जैसे लगता है कि हम निर्माणाधीन जेवर एयरपोर्ट के पास नहीं, बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में रहते हैं। 

गांव की सड़कें पानी में डूबी
ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अप्रैल 2025 में उड़ानें शुरू होने की संभावना है। इस परियोजना के लिए रनहेरा समेत एक दर्जन से अधिक गांवों को विस्थापित किया गया था। प्राधिकरण ने रनहेरा गांव के लोगों को बेहतर सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन आज गांव की हालत बेहद दयनीय है। लगातार हो रही बारिश के कारण गांव की सड़कें पानी में डूब गई हैं और घरों के अंदर कई फीट पानी घुस गया है। ग्रामीणों ने प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया ग्रामीणों का आरोप है कि स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण द्वारा उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। 

स्कूल बस ने गांव में आना किया बंद
उनका कहना है कि वे पहले भी नाले की सफाई की मांग कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब स्थिति यह है कि गांव के बच्चों को स्कूल ले जाने वाली बस भी नहीं आ रही है। बाजार से घर का सामान लाना भी मुश्किल हो गया है। 

प्रशासन जानबूझकर कर रहा परेशान 
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने कुछ राहत सामग्री भेजी है, लेकिन वह नाकाफी है। विस्थापन का डर, नाले की सफाई न होने की वजह? ग्रामीणों का मानना है कि प्रशासन जानबूझकर उन्हें परेशान कर रहा है, ताकि वे गांव से विस्थापित हो जाएं। उनका आरोप है कि गांव के नाले की सफाई इसलिए नहीं की जा रही है, ताकि लोग परेशानी से तंग आकर गांव छोड़कर चले जाएं। 

प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनाव
ग्रामीणों का कहना है कि इस स्थिति ने प्रशासन और ग्रामीणों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर प्रशासन ने समय रहते उचित कदम उठाए होते, तो गांव में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा नहीं होती।

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