BIG BREAKING : ग्रेटर नोएडा के राजेश भाटी-रामकिशोर दोहरे हत्याकांड में तीन को उम्रकैद, तीन करोड़ रुपये के लिए रिश्तेदार ने मारी थी गोली

Tricity Today | ग्रेटर नोएडा के राजेश भाटी हत्याकांड में तीन को उम्रकैद



Greater Noida/Meerut : ग्रेटर नोएडा के हाईप्रोफाइल राजेश भाटी हत्याकांड में गुरुवार को मेरठ की जिला अदालत ने 3 लोगों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। ग्रेटर नोएडा में संचालित होने वाले ऑक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल के संस्थापक और प्रबंधक राजेश भाटी व उनके दोस्त रामकिशोर की सितंबर 2011 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस वक्त यह हत्याकांड राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में छा गया था। इस हत्याकांड में राजेश भाटी के भाई और पत्नी मजबूत पैरवी कर रहे थे। करीब 12 साल बाद राजेश भाटी और उनके परिवार को इन्साफ मिला है। उस वक्त इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले को गौतमबुद्ध नगर से मेरठ ट्रांसफर किया गया था।

साक्ष्यों के अभाव में पांच को कोर्ट ने बरी किया
मेरठ जिला न्यायालय इस दोहरे हत्याकांड में करीब 12 वर्षों से सुनवाई कर रही थी। ग्रेटर नोएडा के आक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक राजेश भाटी और उनके दोस्त रामकिशोर की हत्या के मामले में गुरुवार को तीन लोगों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इन तीनों दोषियों पर 2,20,000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। साक्ष्यों के अभाव में पांच अन्य आरोपितों को बरी कर दिया गया है। जिस पर अभियोजन के सहयोगी अधिवक्ता विनोद ने कहा, "हम इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट जाएंगे। जिन लोगों को बरी किया गया है, उनकी हत्याकांड में भूमिका है। घटना में शामिल एक आरोपित की मौत हो चुकी है। एक अभियुक्त का नाबालिग होने की वजह से बाल सुधार गृह में ट्रायल चल रहा है।"

मेरठ जिला न्यायालय में 12 साल हुई सुनवाई
इस केस की सुनवाई मेरठ जिला न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रहलाद सिंह द्वितीय ने की। अधिवक्ता विनोद चौधरी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में स्थित आक्सफोर्ड ग्रीन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक राजेश भाटी और उनके दोस्त रामकिशोर की सितंबर 2011 में आरोपियों ने घर बुलाकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप टीकम भाटी, जितेंद्र, सुभाष, कृष्ण, कविंद्र, प्रवीण, मनोज और सतेंद्र उर्फ सेठी पर लगा था। इन सभी के खिलाफ सूरजपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई। हत्या करने के बाद शवों को घोड़ी बछेड़ा गांव के समीप फेंक दिया गया। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करके सभी को गिरफ्तार किया। जांच में पता चला कि राजेश ने टीकम को तीन करोड़ रुपये उधार दिए थे। टीकम और राजेश रिश्तेदार थे। टीम ने राजेश से तीन करोड़ रुपये उधार लिए थे। पैसा वापस लौटने के लिए राजेश को बुलाया था।

पैसा लौटने से बचने के लिए हत्या कर दी
टीकम सिंह की नीयत खराब हो गई थी। उसने उधार की तीन करोड़ रुपये रकम वापस करने की बजाय अपने साथियों के साथ मिलकर राजेश और उसके दोस्त रामकिशोर की हत्या कर दी। गौतमबुद्ध नगर में राजेश के भाई राकेश को पैरवी के दैरान खतरा था। सुरक्षा कारणों से यह केस मेरठ जिला न्यायालय ट्रांसफर किया गया। सुनवाई के दौरान कुल 12 गवाह पेश हुए। गवाह और साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने टीकम भाटी, जितेंद्र और सुभाष को दोषी मानते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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