ग्रेटर नोएडा में 'मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक और परिवहन केंद्र (एमएमटीएच) स्थापित करने की मंजूरी मिल गई है। साल 2020 में गौतमबुद्ध नगर को कई बड़ी सौगातें मिली। अब केंद्र सरकार ग्रेटर नोएडा में तकरीबन तीन हजार करोड़ रुपये के निवेश का इंतजाम कर रही है। इससे गौतमबुद्ध नगर में विकास की रफ्तार को नई ऊर्जा मिल जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने कई औद्योगिक गलियारों के निमार्ण की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को समिति की बैठक हुई। बैठक में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बुधवार को इस बारे में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार बुधवार को स्वीकृत परियोजनाओं को मूर्त रूप देने में करीब 7725 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। इन औद्योगिक क्षेत्रों के विकास से करीब तीन लाख लोगों को रोज़गार मिलेगा। आंध्र प्रदेश के कृष्णपट्टम में 2139 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कनार्टक के तुमकुरु में सरकार 1701 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से औद्योगिक गलियारों का निमार्ण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा में 3,883.80 करोड़ रुपये की लागत से मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब (एमएमएलएच) और मल्टी ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच) विकसित किया जाएगा।
जावडेकर ने बताया कि, केंद्र सरकार बंदरगाहों और हवाईअड्डों से सटे पूर्वी और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स को विकसित करने में जुटी है। साथ ही एक्सप्रेस-वे और राष्ट्रीय राजमार्गों जैसे बड़े परिवहन गलियारों के लिए औद्योगिक गलियारों का निर्माण कर रही है। इनके जरिए सरकार उद्योगों को गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय, टिकाऊ और उत्कृष्ट सेवाएं देकर निवेश को सुगम बनाने के लिए प्रयासरत है। केंद्र सरकार निवेश आकर्षित करने के लिए औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं को मूर्त रूप दे रही है। इसके जरिए विकास को रफ्तार देकर आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य हासिल करना हमारा उद्देश्य है।
उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से भारी संख्या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कृष्णापट्टनम नोड के पहले चरण का विकास पूरा होने पर 98,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसमें 58,000 लोगों को उनके घर पर रोजगार मिल जाएगा। तुमकुर नोड के शुरू होने पर करीब 88,500 लोगों को रोजगार मिल जाएगा। करीब 17,700 लोगों को विकास के शुरुआती चरण में खुदरा, कायार्लय और अन्य वाणिज्यिक अवसरों में रोजगार मिलेगा।