Greater Noida Authority : ग्रेटर नोएडा के सुथियाना गांव की गलियों में जलभराव के कारण निवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नालियां कूड़े-कचरे से भरी हुई हैं। जिसकी वजह से गलियों में पानी भर जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्राधिकरण ने नाली और रास्तों के निर्माण का टेंडर तो छोड़ दिया है लेकिन काम अधूरा पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि गांव की भीतरी गलियों का निर्माण करने के लिए टेंडर नहीं छोड़ा गया है। गांव वाले कूड़े कचरे का उचित प्रबंधन नहीं कर रहे हैं। जिसकी वजह से ड्रेनेज सिस्टम ठप पड़ गया है। गांव की भी भीतरी गलियों में जलभराव हो रहा है। इस समस्या का समाधान कूड़े का उचित निस्तारण है। जिसके लिए गांव वालों को जागरूक होकर कूड़ा-कचरा निर्धारित स्थान पर फेंकना होगा।
1 करोड़ 40 लाख 89 हजार का टेंडर पास हुआ
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने करीब 6 महीने पहले सुथियाना गांव में आरसीसी रोड और ड्रेन बनाने का टेंडर जारी किया गया था। सुथियाना गांव में 1 करोड़ 40 लाख 89 हजार रुपए से विकास कार्य किया जाता, उस समय ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों के दावा किया था कि 2 महीनों के भीतर काम शुरू हो जाएगा, लेकिन आज तक काम पूरा नहीं हुआ है। अब आज पहले से भी ज्यादा बुरी हालत हैं। क्योंकि काम बहुत कम हुआ है, जिसके कारण लोगों की दिक्कतें और भी ज्यादा बढ़ गई है।
कई इलाकों को यही हाल
एक सवाल खड़ा होता है कि आखिर विकास कार्यों के लिए जारी हुए टेंडर का कार्य अभी तक पूरा क्यों नहीं हुआ है ? यह सिर्फ एक गांव का नहीं बल्कि काफी अन्य स्थानों का भी हाल है। सूरजपुर के मेन रोड पर बरसात के समय सड़क पर पानी भर जाता है। इसकी शिकायत भी काफी बार प्राधिकरण को दी गई। जब भी निवासियों को समस्या होती है तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अफसरों को जानकारी दी जाती हैं, लेकिन उसका कोई उचित समाधान नहीं किया जाता।
प्राधिकरण का बयान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से नवीन जैन ने बताया कि मामले की जानकारी प्राधिकरण को मिल गई है। प्राधिकरण इस पर कार्य कर रहा है। हो सकता है दुकान वाले नालियों में कूड़ा डालते हो, जिसकी वजह से यह दिक्कत बार-बार उत्पन्न होती हो। उन्होंने टेंडर के बारे में बताया कि उनको टेंडर के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के मुख्य महाप्रबंधक एके अरोड़ा का इस बारे में कहना है, "सूथियाना गांव की आंतरिक सड़कों की मरम्मत और निर्माण का कार्य इस टेंडर में शामिल नहीं हैं। गांव की भीतरी सड़कों पर जलभराव कूड़े-कचरे के इकट्ठा हो जाने के कारण हो रहा है। गांव के लोग अपने घरों का कचरा बेतरतीब ढंग से रास्तों पर फेंक रहे हैं। जिसकी वजह से नालियां चोक हो जाती हैं और पूरी गली में जलभराव हो रहा है। ग्रामीणों को तमाम बार जैविक और अजैविक कचरा अलग-अलग करके निर्धारित स्थान पर रखने के लिए जागरूक किया गया है लेकिन नियमों का पालन नहीं किया जाता है। जिसकी वजह से परेशानी बढ़ रही है।