ग्रेटर नोएडा में बहन ने बचाई भाई की जान : रक्षाबंधन पर दिया सबसे बड़ा तोहफा, दो दिन पहले ही छोटे भाई की हुई थी मौत

Tricity Today | बहन अपने भाई के साथ



Greater Noida News : रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और हर कीमत पर बहन की रक्षा के प्रण का त्यौहार है। यह त्यौहार सदियों से भाई-बहन के रिश्ते को अटूट और मजबूत रखता आया है। भाई अपनी बहन को ताउम्र रक्षा करने का वचन देते हैं, लेकिन ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव में एक रक्षाबंधन की पूर्वसंध्या पर एक बहन ने साबित किया कि बहनें भी जरूरत पड़ने पर भाई के लिए अपनी जान तक दांव पर लगाने से पीछे नहीं हटती। दादूपुर गांव की रहने वाली रेखा गुर्जर ने लिवर दान कर न सिर्फ अपने बड़े भाई की जान बचाई बल्कि परिवार को भी बहुत बड़े संकट में सहारा दिया। 

छोटे भाई की मौत से छाया मातम 
रेखा गुर्जर के भाई की तबीयत अचानक खराब हो गई थी। जांच में पता चला कि वह काफी गंभीर हालत में है। मेडिकल रिपोर्ट देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने लिवर ट्रांसप्लांट की संभावना तलाशी, लेकिन इसी बीच रेखा के छोटे भाई की मौत से परिवार में मातम छा गया। ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया से एक दिन पहले ही उसकी मौत हो गई। इसके बावजूद रेखा गुर्जर ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने बड़े भाई के इलाज के लिए जरूरी कागजी कार्रवाई पूरी की और खुद को परिवार और भाई के लिए समर्पित कर दिया। बहन के इस साहसी कदम और जज्जे की वजह से बड़े भाई का सफल लिवर ट्रांसप्लांट हुआ और उसकी जान बच सकी।

भाई की जान सबसे ज्यादा अहम
रेखा गुर्जर गुर्जरी पन्नाधाय ट्रस्ट की अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि एक बहन के लिए किसी भी चीज से ज्यादा उसके भाई की सलामती सबसे ज्यादा मायने रखती है। हर बहन के लिए उसके भाई की जान सबसे ज्यादा अहम होती है। एक बहन अपने भाई के लिए कुछ भी कर सकती है। मैंने भी वही किया।

त्याग की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा
रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर रेखा गुर्जर और उसका भाई दोनों स्वस्थ हैं और रेखा के त्याग की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है। यह कहानी न सिर्फ भाई-बहन के रिश्ते की गहराई को छूती है बल्कि मानवीय और निस्वार्थ प्रेम की प्रेरणा भी देती है। समाज में जब रिश्ते दरक रहे हों ऐसी प्रेरक कहानियां परिवार और प्रेम में विश्वास जगाए रखती हैं।

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