Greater Noida : गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन जनपद में कोरोना वायरस की जांच और इलाज के अभाव में होने वाली मौतों के संबंध में उड़ाई जा रही अफवाहों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। ग्रेटर नोएडा के बिसरख, दादरी और जेवर ब्लॉक के गांवों में लगातार ऐसी सूचनाएं मिलती रही हैं कि कोरोना जांच और इलाज के अभाव के चलते हर गांव में 10 - 15 लोगों की मौत हुई है। इन सब का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी सुहास एलवाई (DM Suhas LY IAS) ने अलग-अलग अफसरों को गांवों के जांच का जिम्मा सौंपा है। हाल ही में मेवला गोपालगढ़ के पूर्व प्रधान पति पर इस संबंध में जेवर कोतवाली में मामला दर्ज किया जा चुका है। जिला प्रशासन ने कहा है कि इस तरह की भ्रामक और झूठी खबरों पर यकीन न करें और उसे आगे फैलाने से पहले विचार करें।
भ्रामक खबर फैलाई गई
दरअसल, सोशल मीडिया पर एक खबर तेजी से फैली थी। जिसमें कहा गया था कि दादरी ब्लॉक के कैलाशपुर गांव में कोरोना महामारी का इलाज नहीं मिलने से 10-15 लोगों की मौत हो चुकी है। डीएम सुहास एलवाई ने इसकी जांच की जिम्मेदारी दादरी के उप जिलाधिकारी आलोक कुमार गुप्ता को सौंपी। उन्होंने तत्काल प्रभाव से इसकी जांच की और पाया कि कैलाशपुर में सिर्फ एक व्यक्ति की मौत कोरोना वायरस से हुई है। जबकि अन्य 5 लोगों की मौत दूसरी बीमारियों तथा स्वाभाविक ढंग से हुई है। उप जिलाधिकारी ने इसकी रिपोर्ट डीएम सुहास एलवाई को भेज दी है। उन्होंने लोगों से कहा है कि इस तरह की भ्रामक-झूठी खबरें सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों पर प्रसारित ना करें। अन्यथा प्रशासन की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह है पूरा मामला
दरअसल, सोशल मीडिया में डॉक्टर अभिलाषा भाटी के नाम से एक वीडियो वायरल की गई। इसमें कहा गया कि, “ग्राम कैलाशपुर, पोस्ट दादरी में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस से 15 लोगों का दुखद देहांत हुआ है। 50 से 60 लोगों में कोरोना महामारी के लक्षण हैं। अतः कोरोना वायरस का टेस्ट कराया जाए तथा दवाइयों का वितरण कराया जाए।” जिला प्रशासन को जब इसकी जानकारी हुई, तो डीएम सुहास एलवाई ने इसकी जांच कराने का फैसला लिया। उन्होंने दादरी के उप जिलाधिकारी आलोक कुमार गुप्ता को इसकी जिम्मेदारी दी। उप जिलाधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए पूरे मामले की जांच की। पाया गया कि अप्रैल और मई महीने में कैलाशपुर में कुल 6 लोगों की मौत हुई है। इसमें से प्रताप सिंह (63 वर्ष) पुत्र रामपाल सिंह की मौत कोरोना वायरस से हुई है। जबकि अन्य 5 लोगों की मौत दूसरी वजह और बीमारियों से हुई है।
कोई वीडियो जारी नहीं किया था
उप-जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया में वायरल वीडियो की डॉक्टर अभिलाषा भाटी से भी बात की। अभिलाषा ने बताया कि, “यह मैसेज पूर्ण रूप से गलत है। उनकी तरफ से ऐसा कोई वीडियो जारी नहीं किया गया है। उन्होंने गांव में कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए सीएमओ को आवेदन दिया था। बाद में सूचना मिली थी कि 17 और 21 मई को गांव में कोविड टेस्ट कैंप लगेगा।” उन्होंने सिर्फ जांच शिविर लगाने का आवेदन दिया था। कोई वीडियो जारी नहीं किया था।
कैलाशपुर में लगा है टेस्ट कैंप
उप-जिलाधिकारी बताया कि कैलाशपुर में 17 मई को भी कोरोना टेस्ट कैंप लगाया गया था। इसमें 61 लोगों का एंटीजन टेस्ट किया गया। जबकि 55 ग्रामीणों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराया गया। लेकिन कोई सैंपल पॉजिटिव नहीं पाया गया। गांव में 49 मेडिकल किट का वितरण किया गया। आज भी कैलाशपुर में कोरोना टेस्ट कैंप लगाया गया है। दोपहर 1:00 बजे तक 44 लोगों के टेस्ट किए गए हैं। इनमें से कोई भी कोविड पॉजिटिव नहीं है। गांव को सेनेटाइज कराया जा रहा है। साथ ही निगरानी समिति पूर्ण रूप से सक्रिय है।