सूर्य ग्रहण शुरू हुआ : अगले दो घण्टे क्या करें और क्या नहीं करें, इस मंत्र का जाप करना सर्वश्रेष्ठ, पूरी जानकारी

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New Delhi : सूर्य ग्रहण शुरू हो गया है। आज यानी 25 अक्टूबर मंगलवार को शाम 4:29 से सूर्य ग्रहण आरंभ होकर लगभग 6:30 बजे तक रहेगा। खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में यह सूर्य ग्रहण करीब 27 साल बाद नजर आ रहा है। लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट पर आम लोगों के लिए टेलिस्कोप लगाए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में नक्षत्र शाला पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री सूर्य ग्रहण देखेंगे।

अब क्या करें और क्या ना करें
ज्योतिष शास्त्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अब शाम 6:30 बजे के बाद स्नान करके मूर्तियों का स्पर्श करें। ज्योत बत्ती आदि कार्य किए जा सकते हैं। क्योंकि सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है। इसलिए प्रातः 4:30 बजे सूतक आरंभ हो चुका था। अब सुबह की आरती, गोवर्धन पूजा और मूर्ति दर्शन आदि कार्य नहीं हो पाएंगे। सूर्य ग्रहण के दौरान मानसिक पूजन और जप किए जाते हैं। गायत्री मंत्र का जप सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।

गायत्री मंत्र के अलावा इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं
इसके अलावा गुरु मंत्र, सूर्य मंत्र, ओम नमो भगवते वासुदेवाय, राम राम, हरे कृष्णा हरे राम, ॐ हं हनुमते नमः आदि मंत्र का जप भी किया जा सकता है। सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्हें अपने पास कुशा, डाभ, तुलसी पत्र और गंगाजल रखना चाहिए। ग्रहण के दौरान बाहर ना निकलें और मंत्र जप करते रहें। सूतक के दौरान वृद्ध, बच्चे और बीमार को छोड़कर अन्य भक्तजनों को भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए। घर में किसी भी प्रकार का पका हुआ अन्न रखा हो तो उसमें कुशा या तुलसी पत्र रखने चाहिए। सूतक के दौरान गाय, कुत्ता और पक्षियों को भोजन देना चाहिए।

किसको क्या दान करना चाहिए
ग्रहण शुद्ध हो जाने के बाद या अगले दिन प्रात लाल रंग की वस्तुएं, लाल कपड़ा, तांबा, गेहूं, मसरी की दाल और गुड आदि का दान करना चाहिए। जिन जातकों को सूर्य ग्रहण दोष, कालसर्प दोष है अथवा गर्भवती महिलाएं हैं, उन्हें एक थाली में गेहूं भरकर उसमें सात कोयला और नमक की डली रखनी चाहिए। ग्रहण शुद्ध हो जाने के बाद किसी गरीब को दान कर देना चाहिए। नहीं तो नमक और कोयला जल प्रवाह कर दें। गेहूं गाय या खागड़ आदि को डाल दें।

नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण नहीं देखें
वैज्ञानिकों का कहना है कि सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। काले चश्मे और एक्स-रे शीट का उपयोग करके सूर्यग्रहण देखा जा सकता है। दरअसल, सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। इस दौरान सूर्य से विशेष प्रकाश का विकिरण होता है। जिसका नंगी आंखों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। जिन लोगों ने आंखों के ऑपरेशन या मोतियाबिंद जैसे ऑपरेशन करवाएं हैं, उन्हें सूर्य ग्रहण देखने से बचना चाहिए। छोटे बच्चों और बुजुर्गों को सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।

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