ग्रेटर नोएडा : नए भूमि अधिग्रहण क़ानून के लाभ पर सहमति नहीं बनी, किसानों ने प्राधिकरण पर डेरा डाला

Tricity Today | किसानों ने प्राधिकरण पर डेरा डाला



"किसान अधिकार युवा रोजगार आंदोलन" के बैनर तले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक रेल कॉरिडोर और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के सुनियोजित विकास के लिए जमीन ली गई हैं। किसनों से प्राधिकरण ने सीधे बैनामों और अधिग्रहण प्रक्रिया से जमीन ली है। इससे चिटहैरा, कठहैरा, पल्ला, पाली और बोड़ाकी सहित दर्जन भर गांवों के किसान प्रभावित हैं। बुधवार को इन किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय पर डेरा डाल दिया है। किसान नए भूमि अधिग्रहण क़ानून का लाभ मांग कर रहे हैं। 

बुधवार को किसानों की प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ वार्ता हुई है। जिसमें सहमति नहीं बनने पर किसान प्राधिकरण के गेट पर अनिश्चित क़ालीन धरने पर बैठ गए हैं। किसान नेता सुनील फ़ौजी एडवोकेट ने बताया कि किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून-2013 के अनुसार बाजार दर का 4 गुणा मुआवजा, 20% प्लॉट और सभी औद्योगिक इकाइयों में स्थानीय युवाओं को रोजगार में 50% का आरक्षण मांग रहे हैं। साथ ही पुराने कानून के तहत जमीन अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को 64.7% मुआवजा और 10% प्लॉट की सुविधा तुरंत देने की मांग कर रहे हैं। जिसे लेकर किसानों ने बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। 

इस दौरान ग्रेटर नोएडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के साथ चौथे दौर की वार्ता हुई लेकिन सहमति नहीं बानी। नोएडा सेंट्रल के डीसीपी के आग्रह पर पांचवें दौर की वार्ता हुई, लेकिन बार-बार समय मांगे जाने से किसान नाराज हो गए। जिसके चलते अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। इस दौरान किसान सभा, किसान एकता संघ, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष महेंद्र नागर और जिलाध्यक्ष मनोज चौधरी किसानों को समर्थन देने पहुंचे हैं।

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