Vishakha Tripathi President Of Jagadguru Kripalu Parishad Died Road Accident On Yamuna Expressway In Greater Noida
ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा : जगद्गुरु कृपालु परिषद की अध्यक्ष विशाखा त्रिपाठी को भक्त प्यार से बुलाते थे बड़ी दीदी, चित्रकला में थी अद्भुत
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे पर जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। साथ ही दो बेटियों डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और डॉ. श्यामा त्रिपाठी के अलावा 7 अन्य लोग घायल हो गए। जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी काफी चर्चित थी। उनके देश-विदेश में लाखों की तादाद में अनुयायी हैं। भक्त उन्हें प्यार से दीदी कहकर पुकारते थे। विशाखा की मौत के बाद उनके भक्त सदमे में हैं और बेहद गमगीन हैं। मथुरा के वृंदावन में हर भक्त उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
जगद्गुरु कृपालु परिषद की थीं अध्यक्ष
डॉ. विशाखा त्रिपाठी, जगद्गुरु कृपालु परिषद (जेकेपी) की अध्यक्ष थी, जिन्हें सभी भक्त बड़ी दीदी कहते थे। उनकाका जन्म 1949 में भक्ति धाम से कुछ ही दूर लीलापुर नामक एक छोटे से गाँव में हुआ था। जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की पुत्री और एक ब्राह्मण परिवार में जन्मी बड़ी दीदी बचपन से ही बहुत स्वतंत्र थीं, उनका स्वभाव बहुत मासूम था और वे हमेशा बहुत खुश रहती थीं। सबसे बड़ी होने के कारण वे सबसे अनुशासित थीं और खुद को गरिमा के साथ पेश करती थीं।
आगरा से मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की
डॉ. विशाखा त्रिपाठी अपने कॉलेज के दिनों में भी वे साड़ी पहनती थीं। इस वजह से लोग अक्सर उन्हें क्लास टीचर समझ लेते थे! उन्होंने कला, मुख्य रूप से पेंटिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए आगरा से मास्टर्स किया। डॉ. त्रिपाठी जी एक प्रतिभाशाली चित्रकार थीं और उन्होंने कई कलाकृतियाँ बनाई थीं जो भक्ति धाम और हमारे अन्य आश्रमों में कई जगहों पर सजी हैं। उनकी पेंटिंग्स को देखकर ऐसा लगता है जैसे कोई दिव्य लोक में आ गया हो। वह अपने शुरुआती वर्षों में एक शौकीन फोटोग्राफर भी थीं और उन्होंने 1980 और 1990 के दशक की शुरुआत में श्री महाराजजी के कई अविश्वसनीय वीडियो शूट किए थे।
कई पुरस्कारों से सम्मानित
जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज ने 2000 के दशक की शुरुआत में डॉ. विशाखा त्रिपाठी को जगद्गुरु कृपालु परिषद का अध्यक्ष नियुक्त किया। वह संगठन की प्रमुख परोपकारी शाखाओं, जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय और जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा का भी नेतृत्व करती थीं। उनके नेतृत्व में, ट्रस्ट के परोपकारी और आध्यात्मिक प्रयासों से 4.2 मिलियन से अधिक लोगों को लाभ हुआ था। जेकेपी द्वारा किए गए महान परोपकारी कार्यों के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जैसे कि राजीव गांधी वैश्विक उत्कृष्टता पुरस्कार, नारी पुरस्कार और कई अन्य। अपने पूरे जीवन में, उनकी एक ही इच्छा थी, भगवान और गुरु की सेवा करना।
दुनियाभर में सैकड़ों जेकेपी केंद्र किए स्थापित
डॉ. त्रिपाठी जी लाखों भक्तों को जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की शिक्षाओं का पालन करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करती थीं। डॉ. त्रिपाठी भारत और दुनिया भर में स्थापित सैकड़ों जेकेपी केंद्रों का मार्गदर्शन भी करती थीं। उनके नेतृत्व में जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की शिक्षाओं को लाखों लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य पूरा हुआ था।