Greater Noida/Yamuna City : नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट आने के बाद यमुना सिटी लोगों की पहली पसंद बन गया है, लेकिन कुछ बिल्डर इसको अनदेखा कर रहे हैं। ऐसे ही एक बिल्डर का 100 एकड़ का प्लॉट आवंटन रद्द कर दिया गया है। जिसका मुख्य कारण यह है कि बिल्डर ने बकाया 233.63 करोड़ रुपए प्राधिकरण को नहीं चुकाया। साथ ही बिल्डर को 1000 एकड़ जमीन पर 10 साल में टाउनशिप विकसित कर लोगों को बसाना था, लेकिन बिल्डर आवंटन के 12 साल बाद भी ना तो नक्शा पास करवाया और ना ही कोई स्कीम लॉन्च की है। अब प्राधिकरण ने बिल्डर का आवंटन रद्द कर बिल्डर की जमा राशि 63.12 करोड़ रुपए जब्त कर लिए हैं।
गुपचुप तरीके से बदले शेयर हॉल्डर
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉक्टर अरूणवीर सिंह ने बताया कि यमुना प्राधिकरण ने वर्ष 2011 में सिल्वर लाइन फर्निशिंग एंड फर्नीचएस प्राइवेट लिमिटेड को सेक्टर-18 में स्थित प्लॉट नंबर - TS2 आवंटित किया था। जिसमें 6 कंपनियों को शेयर हॉल्डर बनाया गया था, लेकिन इन शेयर धारकों की जगह गुपचुप तरीके से बिना अथॉरिटी को बताए शिवानी गुप्ता और सचिन गुप्ता को डायरेक्टर बना दिया, जोकि शर्तों का उल्लंघन है प्राधिकरण को इस बात का पता रजिस्टर ऑफ कंपनी से चला है।
यमुना अथॉरिटी को नहीं चुकाए 233.63 करोड़ रुपए
उन्होंने बताया कि अलॉटी कंपनी ने अलॉटमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया है। लीड मेंबर को बदल दिया गया। ब्रोशर की शर्तों के अनुसार 10 सालों में प्रोजेक्ट पूरा करना था। उन्होंने बताया कि आवंटी कंपनी पर किस्तों का 154.53 करोड़ अतरिक्त प्रतिकर के रूप में 63.45 करोड़ और लीज रेंट के 15.65 करोड़ इस तरह 17 अप्रैल 2022 तक बिल्डर को 233.63 करोड़ रुपए प्राधिकरण को देने थे, लेकिन बिल्डर ने धनराशि जमा नहीं करवाई। सीईओ ने इस मामले में जानकारी देते हुए आगे कहा कि बिल्डर द्वारा उक्त धनराशि जमा नहीं कराने और नियमों का उल्लंघन करने के मामले में प्लॉट का आवंटन निरस्त कर दिया गया है।