खास खबर : दिल्ली-मेरठ के बाद अब दिल्ली-गुरुग्राम लाइन पर काम करेगा विश्व बैंक, केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार

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Delhi-NCR News : विश्व बैंक हरियाणा राज्य में तेजी से विकास कर रहे क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है। हाल ही में विश्व बैंक और नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के बीच हुई उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली-गुरुग्राम लाइन सहित अन्य आरआरटीएस परियोजनाओं के वित्तपोषण और विकास के संबंध में व्यापक चर्चा की गई। इस सहयोग का प्रमुख उद्देश्य हरियाणा और एनसीआर क्षेत्र में स्थायी के साथ कुशल परिवहन साधनों का विकास करना है।

दिल्ली-मेरठ के बाद दिल्ली-गुरुगाम पर ध्यान
एनसीआरटीसी अभी तक दिल्ली से मेरठ के बीच आरआरटीएस लाइन का निर्माण कर रही है, लेकिन अब वह हरियाणा की महत्वपूर्ण दिल्ली-गुरुग्राम लाइन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह लाइन को भविष्य में राजस्थान के अलवर तक विस्तारित किया जाएगा। हरियाणा सरकार द्वारा पिछले साल मंजूर की गई थी। इसके अलावा दिल्ली-पानीपत आरआरटीएस परियोजना भी प्रस्तावित है, जो इस पूरे क्षेत्र में परिवहन के बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ करेगी।

एक महत्वपूर्ण कदम होगा
विश्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक पंकज गुप्ता के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में एनसीआरटीसी के कॉर्पोरेट कार्यालय में अपने प्रबंध निदेशक शलभ गुप्ता और उनकी टीम से मुलाकात की। इस बैठक में विश्व बैंक ने न केवल परियोजनाओं के वित्तपोषण पर बल्कि परियोजना के विभिन्न पहलुओं में भी भागीदारी की अपनी इच्छा जताई। इनमें आरआरटीएस गलियारों के माध्यम से भूमि मूल्य पर कब्जा करने, रसद सेवाओं के विकास और पारगमन-उन्मुख विकास जैसी पहलें शामिल हैं। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने बताया कि यह सहयोग एनसीआर क्षेत्र में एक टिकाऊ और आधुनिक परिवहन बुनियादी ढांचे के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

कॉरिडोर को मिलेगी नई तकनीक
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने इस बैठक के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि विश्व बैंक के साथ इस साझेदारी से केवल वित्तीय सहायता ही नहीं मिलेगी, बल्कि दोनों पक्ष एक-दूसरे के उन्नत ज्ञान और तकनीकों को भी साझा करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि विश्व बैंक ने दिल्ली-मेरठ कॉरिडोर पर तैनात तकनीकी विशेषज्ञता और नई तकनीकों की सराहना की है, जो इस परियोजना को गति देने में सहायक होगी।

कैसे होगा विकास
दिल्ली-अलवर आरआरटीएस कॉरिडोर के तीन चरणों में निर्माण की योजना बनाई गई है। पहले चरण में दिल्ली के सराय काले खां से शाहजहांपुर-नीमराना-बहरौर (एसएनबी) शहरी परिसर तक 107 किलोमीटर का खंड विकसित किया जाएगा, जो गुरुग्राम, मानेसर, पंचगांव और रेवाड़ी से होकर गुजरेगा। दूसरे चरण में इस लाइन को एसएनबी से राजस्थान के औद्योगिक शहर सोतानाला तक बढ़ाया जाएगा। अंततः तीसरे चरण में इसे अलवर तक विस्तारित किया जाएगा। 

केंद्र सरकार से मंजूरी का इंतजार
वत्स ने बताया कि एनसीआरटीसी ने पहले चरण के लिए प्रस्तावित संरेखण और निर्माण-पूर्व गतिविधियों को पूरा कर लिया है। साथ ही स्टेशनों और डिपो के निर्माण के लिए आवश्यक भूमि की पहचान कर ली गई है और इसे एनसीआरटीसी को हस्तांतरित करने के लिए चर्चा जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार से मंजूरी मिलते ही इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया जाएगा। इस तरह के बड़े पैमाने पर विश्व बैंक के साथ सहयोग एनसीआरटीसी के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा और यह परियोजना क्षेत्र में परिवहन का चेहरा बदलने में सक्षम होगी।

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