उत्तर प्रदेश की राजधानी में भी वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ने लगा है। दिन प्रति दिन इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। इस बीमारी से लखनऊ में रोजाना करीब 100 से अधिक बच्चे अलग-अलग अस्पतालों में आ रहे हैं। इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र फैजुल्लागंज है शुक्रवार को यहां 20 बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आए हैं। तो वही, बलरामपुर अस्पताल में रोजाना 30 से अधिक बच्चे, सिविल अस्पताल में रोजाना 30 से 40 केस आ रहे, लोकबंधु अस्पताल में रोजाना 50 से ज्यादा केस आ रहे।
केजीएमयू जांच में लैक्टोसपैरोसिस बीमारी आयी सामने
इस रहस्यमई बीमारी से हड़कंप मचने के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक वेदव्रत सिंह ने बताया कि कई लोगों के सैंपल टेस्ट करने के लिए लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल आए जिसमें लैक्टोसपैरोसिस बीमारी पाई गई है। हालांकि इसके लक्षण सामान्यता डेंगू से ग्रसित मरीजों जैसे ही होते हैं जो चूहे और सूअर मूत्र के कारण फैल रही है। यदि कोई मनुष्य इसके संपर्क में आता है तो वह इससे संक्रमित हो जाता है।
इन दवाई से होता है बीमारी का इलाज
उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए चूहों को घर से दूर रखें और साफ सफाई का विशेष ध्यान दें।उन्होंने बताया कि इस बीमारी से 48 लोग संक्रमित पाए गए हैं हालाकि स्वास्थ्य विभाग के पास इस बीमारी से हुई मौतों का आंकड़ा अभी तक नहीं आया है। साथ ही उन्होंने बताया कि इस बीमारी में अगर समय रहते इसका इलाज मिल जाये तो मरने के चान्सेस कम रहते है। डॉक्सीसाइक्लिन दवाई है जो इस बीमारी के इलाज में काम आती है।
100 से अधिक हो चुकी मौत
प्रदेश में आई रहस्यमई बीमारी ने लोगों के होश उड़ा दिए है। इस बीमारी में अचानक से लोगों का बदन तपने लगता है, इसके बाद प्लेटलेट्स गिरती हैं और फिर मरीज की मौत हो जाती है। बता दें कि पूरे प्रदेश भर में करीब 100 से ज्यादा मौते हो चुकी है। फिरोजाबाद में 15 दिन में 58 की मौत 240 भर्ती है। मथुरा में 10 लोगों की मौत 60 भर्ती, सहारनपुर में 4 की मौत 60 लोग भर्ती, तो वहीं बागपत में 22 की लोग इस रहस्यमयी बीमारी के शिकार हो चुके हैं।