बड़ी खबर : रालोद ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा- किसानों और जयंत चौधरी के दबाव में आकर वापस लिया कानून

लखनऊ | 3 साल पहले | Sandeep Tiwari

Google Image | जयंत चौधरी



लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का बड़ा ऐलान किया है। जिसके बाद पक्ष-विपक्ष के नेताओं की प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू हो गया है। राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव अनिल दुबे ने कहा सैकड़ों किसानों की शहादत के बाद तानाशाह सरकार ने आखिर काले कृषि कानून को वापस लेने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा किसानों के आंदोलन और राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह के संघर्ष और दबाव में आकर केंद्र सरकार ने बिल वापस लिया है। यह किसानों के साथ-साथ रालोद के सभी कार्यकर्ताओं की जीत है।

सरकार को अब माफी भी मांग लेनी चाहिए
अनिल दुबे ने कहा राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में किसान महापंचायत की और किसानों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करने का काम किया। यही वजह है कि तानाशाह सरकार को ये बिल वापस लेने पड़े। उन्होंने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि अब सरकार को किसानों से माफी भी मांग लेनी चाहिए। क्योंकि इनकी वजह से करीब एक साल तक उनको सड़कों पर रहना पड़ा  और आंदोलन के दौरान सैकड़ों किसानों की मृत्यु हो गई। बावजूद इसके केंद्र सरकार ने किसी भी तरह की संवेदना व्यक्त नहीं की। आखिर आज उनको किसानों के दबाव में आकर झुकना पड़ा।

किसान आंदोलन को मजबूत करने में जुटे रहें जयंत
बता दें कि पंजाब से शुरू हुए आंदोलन को वेस्ट यूपी के किसानों के साथ-साथ रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह ने मुकाम तक पहुंचाया। वो शुरुआत से ही इस आंदोलन को मजबूत करने में जुटे थे। यही वजह रही कि मुजफ्फरनगर, शामली और शहारनपुर में इसका काफी असर देखनो को मिला। दरअसल पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन शुरू किया था, हरियाणा व वेस्ट यूपी का साथ मिला था। 26 जनवरी को आंदोलन खत्म होने की कगार पर पहुंचा तो, वेस्ट यूपी के किसानों ने दोबारा खड़ा करके कानून वापसी की मंजिल तक पहुंचाया।रालोद ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, कहा- किसानों और राष्ट्रीय अध्यक्ष के दबाव में आकर वापस लिया बिल

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