BIG BREAKING: गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में इस साल जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ेंगे, दोनों डीएम ने जारी किया आदेश

Tricity Today | DM Ghaziabad & DM Gautam Buddh Nagar



गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में इस साल जमीनों के सर्किल रेट नहीं बढ़ाया जाएंगे। दोनों जिलों के जिलाधिकारी ने संपत्ति पुनरीक्षण मूल्यांकन समिति की सिफारिश पर यह फैसला लिया है। इससे पहले नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण जमीन की आवंटन दरें नहीं बढ़ाने का फैसला ले चुके हैं।

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने गुरुवार को कार्यालय आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि 30 दिसंबर तक जिले में जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे। इस वक्त कोरोना वायरस संक्रमण की महामारी चल रही है। दूसरी ओर रियल एस्टेट सेक्टर में भी मंदी का दौर चल रहा है। जिले के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और उप जिलाधिकारियों की संपत्ति पुनरीक्षण मूल्यांकन समिति का गठन 30 जुलाई को किया गया था। जिसे जिले में 8 अगस्त से नई दरों का निर्धारण करना था। 

डीएम ने बताया कि मूल्यांकन समिति ने बैठक की और निर्णय लिया है कि फिलहाल बाजार दर और सर्किल दरों में कोई फर्क नजर नहीं आता है। इस वक्त व्यापक स्तर पर सर्वे करके यह जानकारी हासिल करना संभव नहीं है। लिहाजा, 31 दिसंबर 2020 तक जिले में जमीन के सर्किल रेट नहीं बढ़ाए जाएंगे।

दूसरी ओर गाजियाबाद के जिलाधिकारी डॉ अजय शंकर पांडे ने भी जमीन की सर्किल दरों में वृद्धि नहीं करने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के कारण आर्थिक गतिविधियां शिथिल पड़ी हुई हैं। संपत्तियों की मांग बहुत ज्यादा नहीं है। जिसके चलते सर्किल दरों और रजिस्ट्रेशन की दरों में कोई फर्क नजर नहीं आता है। लिहाजा, इस वक्त जमीन की कीमतों में वृद्धि करना उचित नहीं होगा। अग्रिम आदेशों तक प्रचलित सर्किल दरें ही सभी श्रेणियों में लागू रहेंगी।

आपको बता दें कि गुरुवार को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बोर्ड बैठक हुई है। विकास प्राधिकरण ने भी 31 मार्च 2021 तक अपनी प्रॉपर्टी की आवंटन दरें नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। दूसरी और गौतमबुद्ध नगर में तीनों विकास प्राधिकरण ने पहले ही साफ कर दिया था कि आवंटन दरों में कोई इजाफा नहीं किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी इस साल अपनी आवंटन दरें नहीं बढ़ाएगा।

दोनों जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरणों के इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार ने राहत की सांस ली है। बिल्डरों और प्रॉपर्टी डीलरों का कहना है कि पिछले करीब 5 वर्षों से रियल एस्टेट सेक्टर का बुरा हाल है। दिल्ली एनसीआर में सबसे महंगी संपत्तियां गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले में होती थीं, लेकिन पिछले 3 वर्षों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ना तो दूर, गिर रही हैं। दूसरी ओर पिछले 3 महीनों से कोरोना वायरस के कारण फैली महामारी ने हालात और ज्यादा बिगाड़ दिए हैं।

प्रॉपर्टी मामलों के विशेषज्ञ एडवोकेट मुकेश शर्मा का कहना है कि पहले नोटबंदी और उसके बाद आर्थिक गिरावट ने प्रॉपर्टी बाजार व रियल एस्टेस्ट सेक्टर की कमर तोड़कर रख दी है। पिछले 3 वर्षों के दौरान लगातार प्रॉपर्टी की कीमतें गिरी हैं। ऐसा पहली बार देखने में आया है जब आवासीय भूखंडों की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है। लोग फ्लैट और बनी हुई दुकानें खरीदने के लिए तो बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। ऐसे में अगर जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरण सर्किल रेट व आवंटन दरों में इजाफा करते तो हालत और ज्यादा खराब हो सकती थी। विकास प्राधिकरण और जिलाधिकारियों ने यह अच्छा फैसला लिया है।

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