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कोरोना महामारी में आवंटियों पर एक और मार पड़ने जा रही है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा दिया है। विकास प्राधिकरण अब इस मुआवजे की वसूली आवंटी से करेगा। बड़ी बात यह है कि इन 50,000 आवंटियों ने विकास प्राधिकरण से 10 से 15 साल पहले लोटो घर खरीदे थे। यह वसूली 39 गांवों के किसानों की जमीन बने सेक्टरों के आवंटियों से होगी।
अतिरिक्त मुआवजे (64.7 फीसदी) की वसूली उन आवंटियों से की जाएगी, जिनका आवंटन वर्ष 2000 से पहले का है। मतलब जो लोग 20 साल पहले शहर में आकर बस गए हैं उन्हें अब अतिरिक्त कीमत अपने घरों और प्लॉटों के लिए चुकानी पड़ेगी। अब ऐसे करीब 50 आवंटियों से यह पैसा वसूल किया जाएगा। इस वसूली के लिए मांग पत्र 2013 से जारी किए गए थे, जबकि यह नोटिस 2011 से भेजे जाने चाहिए थे। विकास प्राधिकरण के उन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी अब एक्शन लिया जाएगा जिन्होंने यह काम करने में लापरवाही बरती है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दिया गया
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 39 गांवों के किसानों को यह अतिरिक्त मुआवजा दिया गया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही अतिरिक्त मुआवजा वसूलने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन प्राधिकरण के कर्मचारियों ने लापरवाही बरती। ऐसे आवंटियों को भी वसूली के नोटिस भेज दिए गए, जिनकी जमीन के लिए किसानों को अतिरिक्त मुआवजा दिया ही नहीं गया था। लिहाजा ऐसे आवंटी कोर्ट चले गए। कोर्ट ने प्राधिकरण की प्रक्रिया को गलत मानते हुए पाबंदी लगा दी। इसके बाद यह वसूली का काम बंद कर दिया गया।
इसके बाद तय हुआ कि अतिरिक्त मुआवजे की रकम सिर्फ उन 39 गांवों की जमीन से जुड़े आवंटियों से वसूली जाएगी, जिन पर 2011 में हाईकोर्ट के आदेश पर किसानों को अतिरिक्त मुआवजा बांटा गया था। इसके बाद यह प्रस्ताव बोर्ड में गया। प्राधिकरण बोर्ड की मुहर के बाद अब एसीईओ केके गुप्त ने वसूली का आदेश जारी कर दिया है।
किस आवंटी को कितना पैसा अतिरिक्त देना पड़ेगा
जिन लोगों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से 60 वर्ग मीटर का प्लॉट लेकर घर बनाया है, अब उसे करीब डेढ़ लाख रुपए और चुकाने पड़ेंगे। शहर के हर मकान और भूखंड के लिए विकास प्राधिकरण अतिरिक्त मुआवजे की गणना कर रहा है।
देर से नोटिस भेजने पर होगी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब आवंटियों को नोटिस जारी करेगा ताकि वह पैसा जमा कर सकें। ऐसे करीब 50 हजार आवंटी बताए जा रहे हैं। इस आदेश में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने 2011 में वसूली का आदेश दिया था, लेकिन नोटिस 2013 में जारी किए गए। इतना ही नहीं अगर आवंटी ने यह पैसा जमा नहीं किया तो उसे पेनल्टी का भुगतान भी करना पड़ेगा फलक विकास प्राधिकरण में किस्तों में भुगतान करने की रियायत दी है।
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