गौतमबुद्ध नगर में प्रोपर्टी की कीमत इस साल नहीं बढ़ेंगी, विकास प्राधिकरणों और प्रोपर्टी रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने लिया यह फैसला

नोएडा | 4 साल पहले | Anika Gupta

Tricity Today | Gautam Buddh Nagar Gate



इस साल गौतमबुद्ध नगर में जमीन और प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ेगी। जिले के तीनों विकास प्राधिकरणों और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने यह फैसला लिया है। कोरोना वायरस संक्रमण से बिगड़े आर्थिक हालात के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। नोएडा विकास प्राधिकरण ने पिछले साल शहर के कुछ क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ाई थी। लिहाजा, विकास प्राधिकरण की योजना इस साल पूरे शहर में आवंटन दरें बढ़ाने की थी। दूसरी ओर गौतम बुध नगर जिला प्रशासन भी इस साल सर्किल दरों में इजाफा नहीं करेगा। विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने मौजूदा हालात को देखते हुए यह फैसला लिया है।

कोरोना वायरस के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। काफी संख्या में लोगों की नौकरियां जा रही हैं। तनख्वाह में कटौती हो गई है। इसके अलावा जिन लोगों के व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हैं। दूसरी ओर रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी कारोबार पिछले करीब 5 सालों से मंदी के दौर से गुजर रहा है। अब कोरोना वायरस के कारण प्रॉपर्टी बाजार की हालत बहुत ज्यादा खराब है। इसी के मद्देनजर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण और गौतम बुध नगर जिला प्रशासन ने इस साल प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।

आम आदमी को मिलेगा बड़ा फायदा

गौतम बुध नगर में प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ने का सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को मिलेगा। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में संपत्ति खरीदने की सोच रहे लोगों के लिए यह अच्छी खबर है। इस साल नोएडा प्राधिकरण ने संपत्तियों के आवंटन रेट नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है। प्राधिकरण में करीब चार साल से आवंटन रेट नहीं बढ़े थे। पिछले साल 2019 में सिर्फ मेट्रो लाइन के आसपास और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे से सटे सेक्टरों के आवासीय भूखंड के आवंटन रेट साढ़े सात प्रतिशत बढ़ाए गए थे। कुछ सेक्टरों को "ए प्लस" की श्रेणी में शामिल कर दिया था।
राजस्व बढ़ाने के लिए इस बार सभी सेक्टरों में आवंटन रेट बढ़ाने की तैयारी थी, लेकिन अब प्राधिकरण ने नहीं बढ़ाने का फैसला लिया है।

नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि इस साल आवंटन रेट नहीं बढ़ाए जा रहे हैं। पहले से जो रेट लागू हैं, वहीं रहेंगे। कोरोना के कारण खराब हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए लोगों की किश्त में ब्याज माफ करने की सुविधा दी जा चुकी है। यह सुवीधा सितंबर तक लागू रहेगी।

सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया जाएगा

शहर में इस साल संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की ओर से लागू किया जाने वाला सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया जाएगा। इसको लेकर प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे पर एक बैठक हो चुकी है। दूसरी बैठक 20 जुलाई को होनी है। यह निर्णय हो चुका है कि पूरे जिले में सर्किल रेट नहीं बढ़ाया जाएगा अब केवल इस निर्णय पर मुहर लगा दी जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि पहले से ही बाजार में संपत्ति के खरीदार काफी कम हैं। अगर गलती से रेट बढ़ा दिए गए तो विभाग का राजस्व काफी कम रह जाएगा। आवंटन और सर्किल रेट नहीं बढ़ने से लोगों को राहत मिलेगी।

ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण भी नहीं बढ़ाएंगे प्रॉपर्टी की कीमतें

नोएडा की ही तरह ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण और यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी अपनी संपत्तियों की आवंटन दरें नहीं बढ़ा रहे हैं। यमुना प्राधिकरण तो कई ऐसी स्कीम लेकर आया है जिनमें आवंटन दरों में 30 फ़ीसदी तक छूट दी जा रही है। दूसरी ओर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने पिछले साल के आखिर में ही अपनी कीमतें रिवाइज की थीं। लिहाजा, अब विकास प्राधिकरण आवंटन दरों में कोई बढ़ोतरी करने की स्थिति में नहीं है।

कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमत कम करने की मांग कर रहे हैं नोएडा के निवासी

दूसरी ओर नोएडा शहर के निवासी लगातार विकास प्राधिकरण से कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें कम करने की मांग कर रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता और जन शक्ति समिति के वरिष्ठ सदस्य रविकांत मिश्रा का कहना है कि नोएडा शहर में कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें बेतहाशा बढ़ाई गई हैं। इन्हें कम करने की जरूरत है। कीमतें इतनी ज्यादा हैं कि मध्यम और छोटे दर्जे के कारोबारी एक छोटी सी दुकान खोलने में भी असमर्थ हैं। दूसरी ओर विकास प्राधिकरण की कमर्शियल प्रॉपर्टी खाली पड़ी हुई हैं। इस बारे में हम लोग पहले भी सीईओ को लिखकर दे चुके हैं। प्राधिकरण को अपनी कमर्शियल प्रॉपर्टी की कीमतें कम करनी चाहिए।

शहर को पटरी पर लाने के लिए सुधार करने की जरूरत

प्रॉपर्टी मामलों के जानकार भी विकास प्राधिकरण और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। एडवोकेट मुकेश शर्मा का कहना है कि प्रॉपर्टी की बेतहाशा और बिना वजह बढ़ती गई कीमतों के कारण शहर की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। अब एक्चुअल बायर या इन्वेस्टर कोई भी शहर में पैसा लगाने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में जरूरी है कि प्रॉपर्टी की कीमतों में करेक्शन किया जाए। विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने प्रॉपर्टी की कीमतें नहीं बढ़ाने का फैसला लेकर अच्छी शुरुआत की है। सही मायने में प्रशासन और विकास प्राधिकरण को प्रॉपर्टी की कीमतें कम करनी चाहिए।

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