Supertech Twin Towers Demolition : नोएडा में आज रचा जाएगा इतिहास, दोनों टावरों के ध्वस्तीकरण में बचा 3 घंटे समय

नोएडा | 2 साल पहले | Rupal Rathi

Tricity Today | Supertech Twin Towers



Noida News : नोएडा में आज इतिहास रचने जा रहा है। सेक्टर-93ए स्थित सुपरटेक एमेरल्ड कोर्ट में अवैध रूप बने ट्विन टावर को आज ध्वस्त किया जाएगा। देश में पहली बार इतनी ऊंची इमारत को विस्पोट के जरिए गिराया जाएगा। जिसके लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है। सभी तैयारी कर ली गई है। वहीं, पास के इमारतों को भी खाली करवा लिया गया। निवासियों को सुरक्षा को देखते हुए 10:00 से 4:00 बजे तक वहां से दूर रखा जाएगा। इसके अलावा प्राधिकरण और पुलिस के सभी अधिकारी मौके पर मौजूद है और सुरक्षा व्यवस्था को देख रहे हैं। अब एक बार फिर से सभी कामों की बारीकी से जांच की जा रही है।

2:15 बजे होगा नोएडा एक्सप्रेसवे बंद
मौके पर कड़ी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं। आसपास के इलाके को रेड जोन घोषित कर दिया गया है। दोपहर 2:15 बजे से नोएडा एक्सप्रेसवे पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा। ठीक 2:30 बजे ट्विन टावर को ब्लास्ट के जरिए तोड़ा जाएगा। इस दौरान मौके पर 400 से भी अधिक पुलिसकर्मी तैनात होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए हैं।

इन अस्पतालों में विशेष वार्ड बनाए गए
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ.पवन कुमार ने बताया कि 28 अगस्त को अस्पताल में सर्जन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, नेत्र रोग विशेषज्ञ, फिजीशियन और अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की आपदा ड्यूटी लगाई गई है। सर्जिकल, मेडिसिन, इमरजेंसी, जनरल ओटी, पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग दोपहर 12:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुलेंगे। सभी चिकित्साधिकारी और स्टाफ को फोन करते ही उपस्थित रहने के निर्देश हैं। वहीं, सेक्टर-128 स्थित जेपी अस्पताल, सेक्टर-110 में यथार्थ अस्पताल और फेलिक्स अस्पताल में बिस्तर आरक्षित किए गए हैं।

करीब 1300 ट्रक मलबा निकलेगा 
सुपरटेक ट्विन्स टावर ध्वस्तीकरण के बाद 35,000 क्यूबिक मीटर मलबा निकलने का अनुमान है। एपेक्स टावर में 32 और सियान टावर में 29 फ्लोर हैं। अफसरों का कहना है कि दोनों टावर्स के गिरने के बाद 1200 से 1300 ट्रक मलबा साइट से बाहर निकाला जाएगा। 

दोनों टावर बनाने में आया करीब 300 करोड़ का खर्च
सुपरटेक ने एमराल्ड कोर्ट में एपेक्स और सियान टावर को बनाने में करीब 300 करोड़ रुपए खर्च आया है, लेकिन इसके लिए गलत जगह का चयन कर लिया। निवासियों की आपत्तियों के बावजूद पैसे के बल पर लगातार इन टावरों की ऊंचाई बढ़ती रही और इन्हें बनाने में करोड़ों रुपए के खनिज और लाखों घंटों की मेहनत की गई। अब इन टावरों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्वस्त किया जा रहा है। जिस कारण इसमें प्रयोग किया गया खनिज और लोगों की मेहनत सब बेकार होने वाली है।
 

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