Noida News : सुपरटेक प्रोजेक्ट पूरा करने को लेकर बिल्डर और फ्लैट बायर्स आमने-आमने आ गए हैं। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) द्वारा प्रोजेक्ट को पूरा किए जाने के लिए बिल्डर और बायर्स के पक्ष और विपक्ष अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं। फ्लैट खरीदारों की एक एसोसिएशन का दावा है कि 99 फीसदी फ्लैट बायर्स चाहते हैं कि प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को दी जाए। दूसरी तरफ, बिल्डर की ओर से दावा किया जा रहा है कि उनके आंकड़ों के मुताबिक फ्लैट खरीदार एनबीसीसी का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी से कहा है कि वह एनबीसीसी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार करे।
11 परियोजनाओं के करीब 26,000 फ्लैट बायर्स का है मामला
सुपरटेक के 11 प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए एनबीसीसी के प्रस्ताव पर नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में सुनवाई चल रही है। 19 सितंबर को एनसीएलएटी में हुई सुनवाई के दौरान 11 परियोजनाओं के करीब 26,000 फ्लैट बायर्स ने एक याचिका दाखिल कर यह दावा किया था कि 99 प्रतिशत फ्लैट बायर एनबीसीसी के पक्ष में हैं और 97 प्रतिशत फ्लैट बायर फॉरेंसिक ऑडिट की मांग कर रहे हैं। फ्लैट खरीदार चाहते हैं कि प्रोजेक्ट को एनबीसीसी की ओर से ही पूरा किया जाए। वहीं, 1 अक्टूबर को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलएटी से कहा कि वह एनबीसीसी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर विचार करे। ऐसे में फ्लैट खरीदारों को लग रहा है कि इनकी मांग पूरी हो रही है। हालांकि, एनबीसीसी द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका है।
स्टेक होल्डर भी कर रहे एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध
बिल्डर के साथ ही इस मामले में स्टेक होल्डर यानि बैंक, अथॉरिटी और फ्लैट बायर्स भी एनबीसीसी के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। इस पर एनसीएलएटी कोर्ट की ओर से सभी स्टेक होल्डर्स को एनबीसीसी के प्रस्ताव के विरोध का लिखित में जवाब दायर करने को कहा गया है। अब जिस भी कारण से विरोध किया जा रहा है, वह लिखित रूप में देना होगा। इसके बाद उस पर विचार करने के बाद निर्णय लिया जाएगा।
एआर बोले, हमारे पक्ष में है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
एनसीएलएटी कोर्ट की ओर से इको विलेज 1 के ऑथोराइज्ड रिप्रेजेंटेटिव (एआर) महेंद्र सिंह महिंद्रा ने बताया कि हम नहीं चाहते हैं कि हमारा प्रोजेक्ट सुपरटेक की ओर से पूरा किया जाए। इस संबंध में हमने लगातार मांग की है कि एनबीसीसी आए। सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी से कहा है कि वह एनबीसीसी के प्रस्ताव पर विचार करे। इससे हमें ऐसा लगा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारे पक्ष में आ रहा है।