Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में करीब चार दिन पहले कुट्टू के आटे से बने व्यंजन के खाने से 300 से ज्यादा लोगों की तबियत बिगड़ गई थी। इस घटना के बाद कुंभकरण की नींद सोया नोएडा फूड विभाग जागा और आनन-फानन में कार्रवाई भी की। साथ ही दावा किया कि विभाग की तरफ से पूरे साल छापेमारी और जांच की कार्रवाई जारी रहती है। जबकि हकीकत यह है कि फूड विभाग सिर्फ त्यौहारों पर ही जगता है। या फिर किसी घटना के होने के इनकी नींद टूटती है।
कुट्टू के आटे से हर साल मचता है हड़कंप
दरअसल, यह समस्या हर साल की है लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई न होने के चलते हर बड़े व्रत में बड़ी संख्या में लोग बीमार पड़ते हैं। इस बार भी महाशिवरात्रि के व्रत में भी कुछ ऐसा ही हुआ। हर साल की तरह इस बार भी महाशिवरात्रि के व्रत के बाद पूरे दिल्ली-एनसीआर में लगभग 500 लोग बीमार पड़ गए हैं। इसके बाद फूड विभाग ने कार्रवाई शुरू की। बताया जाता है कि शुरूआत के दो दिन चली कार्रवाई के बाद एक बार फिर यह विभाग दोबारा से कुंभकरण की नींद में सो गया है।
अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता विभाग
नोएडा-ग्रेटर नोएडा हल्दीराम, बीकानेर स्वीटस, नजीर जैसे बड़े नामी रेस्टोरेंट खुले हुए हैं। इन पर फूड विभाग की टीम सिर्फ त्यौहारों पर पहुंचती है। वहां से 1-2 फूड के सैंपल लेती है और निकल जाती है। वहीं प्राधिकरण द्वारा इन रेस्टोरेंट के बाहर गंदगी फैलाने पर साल में कई बार कार्रवाई की जाती है। जबकि देखा जाए तो यह काम फूड विभाग का होता है। लेकिन विभाग ने खुद को तीज-त्यौहार तक ही सीमित किया हुआ है। या फिर हादसे होने का इंतजार करती है।
दावा- विभाग साल भर करता है काम
नोएडा फूड विभाग की अधिकारी अर्चना धीरान का कहना है कि विभाग की तरफ पूरे साल छापेमारी का काम चलता है। विभाग की कई टीमें इस कार्य में लगी हैं। त्यौहारों पर टीमों की संख्या को बढ़ा दिया जाता है। हाल ही में फूड प्वाइंजनिंग की घटना को लेकर विभाग की तरफ से कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन कंपनियों को सील किया गया था। अभी भी इस मामले को लेकर जांच चल रही है। उनका कहना है कि विभाग अपना काम पूरी जिम्मेदारी से निभा रहा है।