सीबीआई ने नोएडा में की छापेमारी : भनक लगते ही मची भगदड़, जानिए पूरा मामला

नोएडा | 1 महीना पहले | Junaid Akhtar

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Noida News : सीबीआई ने रेलवे में बिल पास कराने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरडीएसओ के अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासों पर छापेमारी की गई, जिसमें कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं। सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने बुधवार को लखनऊ में 5 और नोएडा में 2 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।

जानिए पूरा मामला
सीबीआई ने आरडीएसओ के लेखा विभाग के एक अधिकारी, दो कर्मचारियों और तीन निजी फर्मों के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। आरोपियों में अब्दुल लतीफ, नासिर हुसैन, मनीष पांडे, विशाल वर्मा, अभिनव सिन्हा और अशोक पुरी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने निजी फर्मों के बिल पास कराने के लिए रिश्वत ली थी, जिसे वे अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कर लेते थे। सीबीआई को सूचना मिली थी कि आरडीएसओ में टेंडर दिलाने और फर्मों को भुगतान के लिए रिश्वत का आदान-प्रदान हो रहा है। सीबीआई ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं, जिसमें फर्मों के संचालकों से ली गई रिश्वत की रकम का ब्योरा भी शामिल है। यह रकम कभी पांच लाख, कभी 50 हजार और कभी 25 हजार रुपये के रूप में जमा कराई जाती थी।

लखनऊ में की छापेमारी
एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई की चार टीमों ने बुधवार को लखनऊ में पांच और नोएडा में दो जगहों पर छापेमारी की। इस दौरान कई दस्तावेज जब्त किए गए और साक्ष्य भी जुटाए गए। सीबीआई के अधिकारी देर रात तक मामले की जांच कर रहे थे। लखनऊ में आरडीएसओ कॉलोनी स्थित अब्दुल लतीफ और करीम सिद्दीकी के घर पर छापेमारी की गई। वहीं, कृष्णानगर में इंडस्ट्रियल कंप्यूटर्स वर्क्स के मालिक के यहां छापेमारी की गई।

नोएडा में की छापेमारी
इसी तरह नोएडा में सीबीआई ने नोएडा के सेक्टर-2 स्थित एडीजे इंजीनियरिंग के मालिक मनीष कुमार पांडेय के मकान नंबर-सी-108 पर छापेमारी कर तलाशी ली। इसके साथ ही पुरी इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के ठिकानों की भी तलाशी ली गई। छापेमारी होते ही आरोपी भाग निकले। 

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