नोएडा में भू-माफिया का गजब कारनामा : जीते-जागते परिवार की 8 बीघा जमीन बेच डाली, ‘सिस्टम’ सुनने को तैयार नहीं

नोएडा | 7 घंटा पहले | Pankaj Parashar

Tricity Today | नोएडा मीडिया क्लब में पत्रकार वार्ता की



Noida News : नोएडा के गढ़ी चौखंडी गांव में बड़े लैंड स्कैम का दावा किया गया है। गांव में जालसाजी करके आठ बीघा जमीन की बेच दी गई। आनन-फानन में राजस्व महकमे ने जमीन का दाखिल-खारिज भी कर दिया। इस जमीन की बाजारी कीमत करीब 80 करोड़ रुपए बताई जा रही है। गढ़ी चौखंडी गांव के निवासी और कैग से सेवानिवृत राजपत्रित अधिकारी रतनपाल सिंह यादव ने सोमवार को नोएडा मीडिया क्लब में पत्रकार वार्ता की और पूरी जानकारी दी है।

फर्जीवाड़ा का किया खुलासा 
रतनपाल सिंह यादव ने इस फर्जीवाड़ा का खुलासा करते हुए बताया कि गढ़ी चौखंडी के खसरा संख्या 115 में उनके परिवार की दादालाई जमीन है। वहां सैकड़ों साल से उनका पुश्तैनी कब्जा है। उन्होंने कहा, “कुछ भू-माफियाओं ने मेरे सगे भतीजे प्रमोद यादव और विनोद यादव की आठ बीघा जमीन के कूटरचित फर्जी अभिलेख तैयार किए। फिर इस आठ बीघा ज़मीन के 16 लोगों के नाम बैनामा कर दिया है। यह बैनामा मामूरा गांव के महेश कुमार पुत्र सूरते सिंह, विशाल चौहान पुत्र महेश कुमार, विकास चौहान पुत्र महेश कुमार, योगेंद्र कुमार पुत्र  सूरते सिंह, निखिल चौहान पुत्र योगेंद्र कुमार चौहान, दिल्ली के निवासी सुरेंद्र कुमार पुत्र भोले राम, गीता देवी पत्नी गोलू राम, श्याम सलोनी पुत्र राम लखन, गढ़वाल के निवासी रविंद्र कुमार पुत्र प्रीतम, युद्धवीर पुत्र विजयपाल, नोएडा में रायपुर खादर सेक्टर-126 के निवासी प्रवीण यादव पुत्र महेश यादव, बुलंदशहर के निवासी अशोक यादव पुत्र महेश यादव, मोदी राम पुत्र कबीर सिंह के नाम फर्जी बैनामे किए गए हैं l”

दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं 
रतनपाल यादव ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2023 में जब उन्हें इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने दादरी के उपजिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को लिखित में शिकायत दी थी। फर्जी बैनामा करके जमीन हड़पने वालों के खिलाफ 21 फरवरी 2024 को थाना फेज तीन में एफआईआर दर्ज की गई, परंतु अभी तक पुलिस ने सभी नामजद आरोपियों में से किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस ने मामले को दबाने के लिए फर्जी तरीके से राजेश और राजू नामक मामूली व्यक्तियों को गिरफ्तार करके औपचारिकता पूरी कर ली है। उन्होंने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने फर्जी बैनामे के एक हफ़्ते में दाखिल खारिज करने के आदेश पारित कर दिए। तहसीलदार को कई बार शिकायत की गई पर अभी तक ना तो उन्होंने गैरकानूनी आदेश को निरस्त किया किया है और ना ही दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की है।

डीएम से लेकर पुलिस कार्यालय के काटे चक्कर 
उन्होंने बताया कि उनके भतीजे प्रमोद और विनोद के नाम से 17 जुलाई 2023 से 4 अक्टूबर 2023 के बीच कुल बैनामे किए गए हैं। जिनमें से 13 बेनामों के संबंध में उन्हें जानकारी मिली है। इस मामले में विनोद और प्रमोद को कोई जानकारी नहीं है। फर्जी नोटिस दिए गए। फर्जी तरीके से दूसरे गांव में वाद दर्ज करके दाखिल-खारिज किया है। उन्होंने कहा कि दाखिल-खारिज के लिए कम से कम 30 दिन की समय सीमा होती है, लेकिन इस मामले में एक-एक हफ्ते में दाखिल-खारिज के आदेश पारित कर दिए गए हैं। इससे साबित होता है कि मामले में भू-माफिया के साथ तहसील के कर्मचारियों की मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों तक शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। रतनपाल सिंह ने चेतावनी दी है कि यदि जिला स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह इस मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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