वीकेंड के दिन सड़कों पर उतरे नोएडा अथॉरिटी के अफसर : एसीईओ ने गोल्फ कोर्स समेत इन पर ठोका जुर्माना, बोले- लापरवाही बर्दाश्त नहीं

नोएडा | 9 दिन पहले | Nitin Parashar

Tricity Today | एसीईओ संजय कुमार खत्री जायजा लेते हुए।



Noida News : नोएडा प्राधिकरण आचार संहिता हटने के बाद शहर को नया रूप देने में जुटा हुआ है। इसे लेकर शनिवार को प्राधिकरण के एसीईओ संजय कुमार खत्री ने सर्किल 9 और 10 के साथ क्षेत्रों का भ्रमण किया। उन्होंने अलग-अलग महत्वपूर्ण परियोजनाओं और चल रहे कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ जनस्वास्थ्य उप महाप्रबंधक एसपी सिंह, उप महाप्रबंधक सिविल विजय रावल, वर्क सर्किल-9 वरिष्ठ प्रबंधक सतेंद्र गिरी, वर्क सर्किल-10 वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण सलौनिया आदि अफसर उपस्थित रहे।

तेजी से हो सेतु निर्माण कार्य 
एसीईओ संजय कुमार खत्री ने सेक्टर-146 और 147 के बीच एक्सप्रेसवे के समानांतर निर्मित 45 मीटर चौड़ी सड़क से हिण्डन नदी पर बन रहे सेतु के लिए प्रगतिरत पहुंच मार्ग का दौरा किया। उन्होंने देखा कि भरी जा रही मिट्टी का कम्पैक्शन ठीक से नहीं किया जा रहा है। इसलिए उन्होंने कम्पैक्शन के साथ मिट्टी भरने के निर्देश दिए। साथ ही इस परियोजना की प्रगति मील के पत्थर के अनुरूप कम पाई गई, जिस पर तीव्रता से काम करके प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए गए।किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त 
उन्होंने सेक्टर-151ए में निर्माणाधीन गोल्फ कोर्स परियोजना का भी दौरा किया, जहां काम की गति बहुत धीमी पाई गई। उन्होंने वर्क सर्किल-10 को उपलब्ध भूमि पर चारदीवारी निर्माण पूरा करने के निर्देश दिए। शेष आवश्यक भूमि के लिए किसानों से समन्वय स्थापित कर खरीदने हेतु विशेष कार्याधिकारी (भूलेख) को निर्देशित किया गया। साथ ही ठेकेदार को काम की गति बढ़ाने और निर्देशों का पालन न करने पर जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिए गए। एसीईओ ने साफ संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किसानों से बात करने के दिए निर्देश
इसके बाद वर्क सर्किल-9 के अंतर्गत सेक्टर 162 और 164 का दौरा किया गया, जहां ड्रेन और नाली निर्माण कार्य चल रहे थे। उन्होंने गुणवत्ता और समय पर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त, कुछ खसरे जो प्राधिकरण के कब्जे में नहीं हैं, उनके लिए किसानों से बातचीत कर भूमि खरीदने की कार्यवाही करने के निर्देश विशेष कार्याधिकारी (भूलेख) को दिए गए। सेक्टर-135 के सामने निर्माणाधीन ड्रेन में स्टील का उपयोग पाया गया। साथ ही तराई की उचित व्यवस्था नहीं की गई थी। इस पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाने और तराई की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। समयबद्ध कार्य पूर्ति के भी निर्देश दिए गए।

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