गौतमबुद्ध नगर: सर्किल रेट बढ़ाने पर निवासियों और संगठनों ने जताई आपत्ति, कहा- ‘मुश्किल हालात में ठीक नहीं फैसला’

नोएडा | 3 साल पहले |

Google Image | सर्किल रेट बढ़ाने पर निवासियों और संगठनों ने जताई आपत्ति



Gautam Buddh Nagar: गौतमबुद्ध नगर में प्रस्तावित सर्किल रेट बढ़ोत्तरी को लेकर निवासी आपत्ति जता रहे हैं। नोएडा में करीब 20 फीसदी सर्किल रेट बढ़ सकते हैं। प्लॉट की लोकेशन के मुताबिक लोगों को अतिरिक्त चार्ज भी देना होगा। खास तौर पर मेट्रो रूट, मेट्रो स्टेशन के आसपास की लोकेशन, पार्क या ग्रीन बेल्ट के इलाके, एक्सप्रेसवे के दाएं और बाएं ओर के आवासीय भूखंडों पर ज्यादा शुल्क लगेगा। जिला प्रशासन ने सोमवार देर रात सर्किल रेट की नई प्रस्तावित सूची जारी की थी। इसके मुताबिक कई सेक्टरों की श्रेणी बदल दी गई है। उनके सर्किल रेट में 5 फ़ीसदी से लेकर 20 प्रतिशत तक का इजाफा किया गया है। 

जिला प्रशासन ने नई लिस्ट को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इस पर लोगों से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की गई हैं। 16 अगस्त की शाम 4:00 बजे तक कोई भी व्यक्ति इन प्रस्तावित दरों पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकता है। इस पर शहर के संगठन, आरडब्ल्यू और निवासी आपत्ति जता रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले डेढ़ साल से हालात वैसे ही खराब हैं। लोगों की आय कम हुई है। नौकरियां गई हैं। बावजूद इसके इन कठिन हालात में सर्किल रेट बढ़ाकर प्रशासन निवासियों का शोषण कर रहा है। शहर के संगठन प्रोग्रेसिव कम्युनिटी फाउंडेशन ने अपने सुझावों से जिलाधिकारी सुहास एलवाई (DM Suhas LY IAS) को अवगत करा दिया है। इसमें प्रस्तावित सर्किल रेट का पूरा विश्षलेषण किया गया है। 

संगठन ने कहा है कि - 
  1. सेक्टर-11,12,22 और सेक्टर-70 से लेकर सेक्टर-78 तक को श्रेणी C से निकालकर श्रेणी B में डाल दिया गया है।
  2. श्रेणी B का प्रस्तावित सर्किल रेट 79200 (24 मीटर रोड पर) है, जोकि श्रेणी C के रेट (57750) के मुकाबले तकरीबन 40% ज्यादा है।
  3. मेट्रो के आसपास आने वाले एरिया में तकरीबन 12.5% का अतिरिक्त चार्ज लगेगा। यह करीब 90000 पर वर्ग मीटर हो जाएगा। इस प्रकार मेट्रो के आसपास के एरिया में लगभग 60% की बढ़ोत्तरी हो जाएगी।
  4. जिले में, खासकर 7X सेक्टर में ऐसे लाखों लोग हैं, जिन की रजिस्ट्री अभी होनी बाकी है। क्योंकि नोएडा प्राधिकरण के द्वारा इस पर रोक लगाई गई है। इन लोगों ने पहले ही अपने स्टैंप पेपर दे रखे हैं। इनको पहले से ही रिस्ट्रिक्शन फीस की बढ़ोतरी के रूप में नुकसान हो चुका है। अब सर्कल रेट बढ़ने से और ज्यादा नुकसान होगा।
  5. कोरोना महामारी के दौरान लोगों की आय कम हो चुकी है। पहले से ही लाखों फ्लैट की रजिस्ट्री रुकी हुई है। उन लोगों के साथ यह बिल्कुल अनुचित होगा।
  6. कुछ अन्य राज्य जैसे महाराष्ट्र इत्यादि ने टाइम ड्यूटी को कम कर कर अपने नागरिकों को सुविधा दी है। मगर नोएडा में कोई राहत नहीं दी गई। अब सर्किल रेट बढ़ने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।
  7. खरीदारों की शिकायतों पर भी अब कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। कोरोना लॉकडाउन की वजह से महंगाई दर भी इस समय सबसे ज्यादा है।
संगठन का कहना है कि मुश्किल हालात और नोएडा के निवासियों की कठिनाइयों को देखते हुए सर्किल रेट को न बढ़ाया जाए। अगर प्रशासन इसे कम नहीं कर सकता, तो बढ़ोत्तरी तो कतई ना करे। ताकि खरीदार ज्यादा से ज्यादा संख्या मे रजिस्ट्री करवा सकें। साथ ही जिन लोगों की रजिस्ट्री रुकी है, उनकी रजिस्ट्री पुराने सर्किल रेट के आधार पर जल्दी कराई जाए।

डीडीआरडब्ल्यूए ने भी जताई आपत्ति
डीडीआरडब्ल्यूए (डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) ने भी गौतमबुद्ध नगर के एडीएम से सर्किल दरों में प्रस्तावित बढ़ोत्तरी पर आपत्ति जताई है। संस्था के अध्यक्ष एनपी सिंह और उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा, डीडीआरडब्ल्यूए सर्किल दरों में बढ़ोत्तरी का विरोध करती है। कोरोना महामारी की वजह से भारी नुकसान हुआ है। आर्थिक क्षति के कारण रियल एस्टेट अभी भी संघर्ष कर रहा है। जनपद के हजारों लोंगों ने अपनी नौकरी खो दी है। इस कठिन समय में जीवित रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सर्किल दरों में यह वृद्धि पहले से मंदी की मार झेल रही रियल एस्टेट के लिए बेहद घातक होगी। इसका असर बिक्री और खरीद के साथ-साथ नए निर्माण में काम करने वाले लोगों पर भी पड़ेगा। इससे बेरोजगारी और बढ़ेगी। 

दिल्ली का उदाहरण ले प्रशासन
पड़ोसी राज्य दिल्ली में आम आदमी पर वित्तीय बोझ को कम करने और रियल एस्टेट क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार ने आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक संपत्ति के लिए सर्किल दरों में कटौती की थी। नोएडा में सर्किल दरों की तुलना संपत्ति के वास्तविक बाजार मूल्य से की जानी चाहिए। नोएडा पूरे भारत में एकमात्र संपत्ति बाजार है, जहां सर्किल दरें वास्तविक बाजार दरों से अधिक हैं। हम सर्किल रेट बढ़ाने के बारे में सोचने से पहले अथॉरिटी से रिएलिटी चेक करने का अनुरोध करेंगे। हमारे शहर में बुनियादी ढांचे की कमी है। नो कट जोन यानी नोएडा में अक्सर बिजली गुल रहती है। इस शहर की मुख्य खासियत रही सड़कें अब खस्ताहाल हैं। हर जगह सड़कों पर अतिक्रमण है। लोगों को नोएडा में संपत्ति में निवेश करने में दरें मुख्य वजह हैं। डीडीआरडब्ल्यूए का अनुरोध है कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान सर्किल दरों में वृद्धि न की जाए।

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